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Albert Einstein: अलबर्ट आइंस्टाइन से जुड़े 10 रोचक तथ्य, जिन्हे सायद ही कोई जानता हो

 
Albert Einstein: अलबर्ट आइंस्टाइन से जुड़े 10 रोचक तथ्य, जिन्हे सायद ही कोई जानता हो
Albert Einstein Success Story: आइंस्टीन पढ़ाई में बहुत कमजोर हुआ करते थे। जिसकी वजह से उन्हें कई बार अपमान का सामना करना पड़ता था। टीचर भी कई बार उन्हें गुस्से में ताडते थे। लैजी डाग जैसे शब्दों का इस्तेमाल उनके लिए किया जाता था। आगे चलकर मात्र 16 साल की उम्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपना पहला वैज्ञानिक शोध पत्र निकला था।     Dainik Haryana News: Einstein: अल्बर्ट आइंस्टीन को कौन नहीं जानता होगा। दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने दुनिया को एक से बढ़कर एक सोज दी है। यहां तक कि उनके मरने के बाद उनके दिमाग तक की जांच की गई थी।     आज हम आपको उनही से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं। जो उनके सिवा कोई और नहीं कर सकता था। अल्बर्ट आइंस्टीन को लोग शुरू में कम दिमाग भी बुलाया करते थे, लेकिन आगे चलकर उस कम दिमाग नें जो कर दिखाया वो शायद ही कोई और कर सके।   Read Also: ग्राहकों की बढ़ी परेशानी, SBI ने बदल दिए सारे नियम अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein)  का जन्म जर्मनी में 14 मार्च 1879 को हुआ था। आइंस्टीन पढ़ाई में बहुत कमजोर हुआ करते थे। जिसकी वजह से उन्हें कई बार अपमान का सामना करना पड़ता था। टीचर भी कई बार उन्हें गुस्से में ताडते थे।     लैजी डाग जैसे शब्दों का इस्तेमाल उनके लिए किया जाता था। आगे चलकर मात्र 16 साल की उम्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपना पहला वैज्ञानिक शोध पत्र निकला था।   इसके बाद 17 साल की उम्र में जब उन्होंने कालेज में एंट्रेंस परीक्षा दी तो वो केवल गणित तथा सांईस में ही पास थे, अन्यसभी में फैले हो गए थे। आगे चलकर उनकी शादी हुई जो ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी।   Read Also: Sachin Tendulkar Success Story: आम के पेड़ से गिरकर शुरू हुई थी सचिन तेंदुलकर के सफलता की कहानी   आइंस्टीन के हर समय वयस्त रहने की वजह से उनका तलाक हो गया था। अब वो अकेले रह गए थे। अल्बर्ट आइंस्टीन को फोटोइलेक्ट्रानिक इफेक्ट के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।     पुरस्कार में मिली राशि को आइंस्टीन ने तलाक के बाद अपनी पत्नी को दे दिए। एक बार अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) नें कहा था की उन्हे संगीत में बहुत रूचि है। वो संगीत सुनना बहुत पसंद करते हैं।     उन्होंने तो यह तक भी कह दिया था की अगर वो एक वैज्ञानिक नहीं होते तो आज एक संगीतकार जरूर होते। अल्बर्ट आइंस्टीन अपने जीवन काल में 3 देशों के नागरिक रह चुके थे। सबसे पहले टाईम मशीन की कल्पना करने वाले आइंस्टीन ने इसके ऊपर बहुत सी रिसर्च की।   Read Also: Haryana News : हरियाणा सरकार ने पशुपालकों को दी बड़ी खुशखबरी   उनकी सबसे प्रसिद्द खोज थी E= MC2, सापेक्षतावाद के सिद्धांत । 1955 में यह महान वैज्ञानिक अमेरिका में भगवान के घर चले गए । मरते समय रोमन भाषा में नर्स के कान में कुछ कहा था।     रोमन की जानकार न होने की वजह से उनके ये शब्द उनकी मौत के साथ ही दफन हो गए। अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग की करी गई एक खोज में पता चला था कि उनके दिमाग में औरों के मुकाबले ज्यादा सेल हैं।   अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग के एक हिस्से को शिकागो के एक म्यूजियम में रखा गया है । जब एक बार उनसे पुछा गया था की अगर आपका पुनर्जन्म हुआ तो क्या करेंगे।     तब उनका जवाब था की मेरे लिए एक ही जन्म काफी है सब कुछ करने के लिए। अल्बर्ट आइंस्टीन भारत के 2 नागरिकों से काफी प्रभावित थे। एक महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi), और दूसरे रवींद्रनाथ ठाकुर ( Rabindranath Tagore)से।   Read Also: Jio लेकर आया 388 दिनों का सस्ता रिचार्ज प्लान, हर दिन मिलेगा 2.5 जीबी डेटा!   साल 1999 में दा टाईम आफ मैगजीन ने उन्हे शताब्दी पुरूष के रूप में सम्मानित किया था। 76 वर्ष की आयु में अल्बर्ट आइंस्टीन 18 अप्रैल 1955 को ये दुनिया को अलविदा कह गए।