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Chaitra Navratri : जानिए, कब से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि?

 
Chaitra Navratri : जानिए, कब से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि?
Dainik Haryana News : Chaitra Navratri 2023 : जैसा की आप जानते हैं 13 दिन बाद फाल्गुन मास समाप्त होने को है। ऐसे में अगला महीना चैत्र का होना वाला है। अब मां दुर्गा के भक्तों को इंतजार है कि चैत्र मास के नवरात्रि कब से शुरू होने जा रहे हैं।       अगर आप भी मां दुर्गा के भक्त हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल में 4 बार नवरात्रि होते हैं जो 2 प्रत्यक्ष और 2 गुप्त होते हैं। इस साल के चैत्र नवरात्रि का मां दुर्गा के भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस साल 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रही हैं और राम नवमी के दिन खत्म होने जा रहे हैं।   Read Also : Vastu Tips : आज ही कर लें ये उपाय, चमक जाएगा भविष्य जानें कैसे करें पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त :       चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा( Chaitra Navratri Pratipada) के दिन शुरू होती है और इस साल 21 मार्च को रात 11 बजे के पास शुरू हो रहे हैं और अगले दिन यानी 22 मार्च से पहला नवरात्रि शुरू हो रहा है और यह 30 मार्च तक चलेंगे। इसके साथ ही इस साल 30 मार्च से ही हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 भी शुरू होने जा रहा है जो कई राज्यों में मनाया जाता है जिसे गुडी पाड़वा भी कहा जाता है। 22 मार्च को घटस्थापना सुबह साढे 6 बजे शुरू होनी है और साढे 7 बजे तक चलेगी।   Read Also: IAS Success Story: कहानी एक ऐसे  IAS अफसर की जिसने 3 बार UPSC को पास किया, और तीनों ही बार नौकरी पाने में सफल रहे   कैसे करें व्रत :     अगर आप भी मां दुर्गा के व्रत को नौ दिनों के लिए रखते हैं तो आपको राज सुबह उठकर मां दुर्गा की पूजा करनी होगी और आपको फल का ही व्रत करना चाहिए। कुछ लोग होते हैं जो अन का भी व्रत करते हैं लेकिन माना जाता है कि अगर आप फल का व्रत रखते हैं तो काफी फलदायी होता है।       सबसे पहले आपको घटास्थल को बनाना होगा वहां पर मां दुर्गा को विराजमान करें उसके बाद वहां पर लाल कपड़ा बिछा लें, फिर पानी से भरा एक कलश ले उसको एक मुठ्ठी चावल और गेंहू के उपर रख दें। वहां पर आम के पत्ते रखें और सही से मां दुर्गा की पूजा करें। मां दुर्गा को सुबह नहाकर फलों का अर्पण करें और कलश को टीका लगा पूजा को शुरू करें। जब भी आपके व्रत पूरे होते हैं उस दिन कन्याओं को भोजन करा उसके बाद आप अपना व्रत खोल सकते हैं।