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Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए इन लोगों की लेनी होगी सहमति

 
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए इन लोगों की लेनी होगी सहमति
Supreme Court : हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्अ किया था कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि से जुड़े विवादों पर भी लागू होंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने दो विरोधाभासी एकल पीठों के निर्णयों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए यह निर्णय सुनाया था। Dainik Haryana News :#Supreme Court Decision (ब्यूरो) : आपने देखा होगा लोग पैतृक संपत्ति जब लोग बेचते हैं तो किसी की सहमति के बिना ही बेच देते थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट( Supreme Court ) का बड़ा फैसला सामने आ रहा है जिसमें अब पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए इन लोगों की सहमति लेनी होगी। आइए खबर में जानते हैं कोर्ट के फैसले के बारे में। हिमाचल हाईकोर्ट( Himachal High Court) का फैसला सामने आ रहा है कि हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम की धारा 22 कृषि भूति पर भी लागू होगी। धारा 22 के तहत संयुक्त हिंदू परिवार की पैतृक संपत्ति का बंटवारा होने से पहले अगर कोई उत्तराधिकार में मिली संपति को एक सदस्य बेचना चाहता है। यानी अगर कोई तीसरा व्यक्ति वारिस की संपत्ति को बेचता है तो सबसे पहले उसकी सहमति जरूरी होगी जब तक उस जमीन का वारिस उसके लिए हां नहीं करता है कोई भी तीसरा व्यक्ति उसकी संपत्ति को नहीं बेच सकता है। READ ALSO :New Business Idea : महीने के 10 लाख रूपये कमाना है तो शुरू करें ये बिजनेस हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्अ किया था कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि से जुड़े विवादों पर भी लागू होंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने दो विरोधाभासी एकल पीठों के निर्णयों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए यह निर्णय सुनाया था। साल 2008 में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने फैसला लिया था कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्रि पर लागू नहीं होंगे। 2015 में पारित फैसले में दूसरी एकलपीठ ने यह निर्णय सुनाया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट( Hindu Succession Act) के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू होते हैं। इसके बाद दो विरोधाभासी फैसलों के ध्यान में आने के बाद एकल पीठ ने इस मामले को हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष उचित फैसले के लिए भेजा था। READ MORE :HKRN Recruitment 2023 : हरियाणा कौशल रोजगार निगम में नौकारी पाने का सुनहरा मौका, 5वीं पास भी कर सकते हैं आवेदन जिस पर खंडपीठ ने 2015 में पारित फैसले को सही करार देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट की धारा 22 के मुताबिक कृषि योग्य भूमि सहित सभी तरह की भूमि से जुड़े विवादों के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। इस फैसले के आधार पर न्यायाधीश सीबी बारोवलिया( Justice CB Barowalia) ने सात मई 2018 को बाबू राम की अपील को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था को उचित ठहराया था। बाबू राम ने सुप्रीमकोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।