Indian couple sentenced to 33 years in Australia : ऑस्ट्रेलिया में भारतीय कपल को 33 साल की सजा, जानें क्या था जुर्म
Dainik Haryana News,Australia Viral News(ब्यूरो): दौरान, अभियोजक ह्यू फ्रेंच ने दंपति की कार्यप्रणाली की तुलना अपराध नाटक 'ओज़ार्क' और 'ब्रेकिंग बैड' से की। फ्रेंच ने 'निर्दयी और लालची' जोड़ी को 'औसत विवाहित जोड़े से बहुत अलग' बताया। जानकारी मिली है कि इन दोनों की उम्र में 25 साल का गैप है और ये दोनों की अपराध की दुनिया में काम करते थे। साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया सीमा बल द्वारा कोकीन पकड़ जाने के बाद एनसीए ने रायजादा को पहचान लिया था।
कोकीन यानी ड्रग्स को यूके से एक वाणिज्यिक जहाज के माध्यम से भेजा गया था। 6 टूलबॉक्स में 514 किलो ड्रग्स पाया गया है, सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह पूरा दारोमदार धीर और रायजादा का था, जिन्होंने ड्रग्स की तस्करी के उद्देश्य से ही कंपनी की स्थापना की थी। साल 2015 में कंपनी की स्थापना की गई थी जो भी कोकीन जब्त की गई है उसके टूलबॉक्स के प्लास्अिक रैपिंग पर रायजादा की फिंगर प्रिंट पाए गए हैं। इसके अलावा 2855 पाउंड मूल्य के टुलबॉक्स के ऑर्डर की रसीद उनके घर में पाई गई है।
घर से हुई गिरफ्तारी :
एनसीए ने दावा किया कि जून 2019 से ऑस्ट्रेलिया को 37 खेप भेजी गई है। इनमें से 22 नकली रन थी और 15 ड्रग्स पाए गए हैं। एनसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि आरती धीर और कवलजीतसिंह ने यूके से ऑस्ट्रेलिया तक लाखों पाउंड की ड्रग्स की तस्करी हवाई माल की ढुलाई उद्योग के अपने दिमाग का इस्तेमाल करके करी है। जाचं एजेंसी का कहना है कि उन दोनों ने अपनी कमाई को छुपाने के लिए सोना व चांदी की खरीदारी करी है और नकद को अपने घर में रखा है।
उन दोनों के घर से 5 हजार पाउंड मूल्य की सोने की परत चढ़ी मिली है और घर के अंदर 13 हजार पाउंड मूल्य एक सुरक्षा जमा बॉक्स में 60 हजार पाउंड नकद मिला है। इसके अलावा ईलिंग में 8 लाख पाउंड का घर व 62 हजार पाउंड में एक लैंड रोवर भी है। एचएमआरसी को सिर्फ कुछ ही हजार पाउंड का मुनाफा घोषित हुआ है। जांच से पता चला कि दोनों प्रतिवादियों के पास बैंक खातों में नकदी थी जो उनकी घोषित आय से कहीं अधिक थी। उन्होंने 2019 से 22 अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 740,000 पाउंड नकद जमा किए थे और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था।
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हत्या के लिए दंपत्ति के प्रत्यर्पण की मांग :
भारत ने साल 2017 में गुजरात में अपने 11 साल के बेटे गोपाल सेजानी की हत्या के आरोप में प्रत्यर्पण की मांग की थी। साल 2019 में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मानवाधिकार के आधार पर अनुरोध को खारिज कर दिया था। गुजरात पुलिस ने अपनी जांच में कहा था कि इस जोड़ी ने 1.3 करोड़ रूपये के जीवन बीमा भुगतान को विभाजित करने के लिए अपहरण और हत्या की साजिश रचने से पहले गोपाल को गोद लिया था।