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Earthquake In Turkey : तुर्किये में भूकंप का तांडव, हर मिनट में मिल रही लाश

 
Earthquake In Turkey : तुर्किये में भूकंप का तांडव, हर मिनट में मिल रही लाश
Dainik Haryana News : E arthquake In Turkey : जैसा की आप जानते हैं तुर्किये में भूकंप ने तबाही मचा दी है और वहां के लोगों का कहना है कि हर एक मिनट बाद लोगों की लाश मिल रही है और पूरे के पूरे परिवार समाप्त हो चुके हैं। बता दें, तुर्किये लेबनान, सीरिया और इजराइल को सोमवार के दिन जोरदार भुकंप से लोगों की हालत खराब हो चुकी है।       7.8 और 7.6 की तेजी से आए भुकंप के झटकों ने लोगों को हिला कर रख दिया है और 4,300 लोगों की मौत हो चुकी और अभी लाश मिल रही हैं जो एक दर्दनांक कहानी है। अकेले तुर्किये की बात की जाए तो यहां पर ये भयंकर भुकंपर 1500 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है और सीरिया में अभी किसी भी तरह के आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं उनके बारे में वहां की इंटरनेशनल न्यूज एजेंसियां की बता सकती हैं।       जानें तुर्किये की कहानी :   Read Also: Ration Card : फ्री राशन वालों के लिए जरूरी सुचना, इन जिलों में गेंहू की जगह मिलेगा आटा   तुर्किये में रहने वाले फरहाद ने अमेरिकी न्यज चैनल से बात की और उन्होंने बताया कि मेरे देश में हर रोज बारिश हो रही है और मौसम काफी खराब चल रहा है, इतनी ही देर में बाहर से कांच टूटने की आवाज आती है और मैं बाहर जाने की सोचता हूं तो मेरे पैर ही जमीन पर नहीं टिक रहे हैं। उनका कहना है, मैं तभी समझ गया के भूकंप आया है।       मैने अपने परिवार के लोगों को उठाया और चिलाना शुरू कर दिया सभी घर के लोग बाहर की और भागे। लेकिन, मेरे पिता जी बूढ़े थे उनसे चला नहीं गया तो एक गैरेज का हिस्सा उनके उपर गिरा और वो चल बसे। जब मैं अपने पिता और माता को निकाल रहा है मेरा बेटा और बीवी सड़क पर थे उसके बाद एक और झटका आया और वो उनको भी ले गया। एक ही सैकेंड में मेरा पूरा परिवार खत्म हो गया है।     सीरिया की कहानी :     सीरिया के एक अफसर का कहना है कि ये तो डिलास्टर से भी खतरनाक है लोगों की हर एक मिनट बाद यहां लाश मिल रही है और हम लाशों को निकालते निकालते थक चुके हैं। उसके बाद उनका कहना है, हम पहले ही बहुत परेशानियों में थे और अब ये हो गया यहां मौत के डेर लग चुके है।   Read Also: Indian Railway : रेल यात्रियों को मिली सौगात, सरकार ने शरू की ये नई सविधा     हम दुनिया से मदद मांग रहे हैं। यहां पर सब कछ ही समाप्त हो चुका है। उनका कहना है, हमें नहीं पता के देश में कितने लोग मारे जा चुके हैं यहां हर एक मिनट बाद लाश मिल रही है और यहं मौत का आंकड़ा हमारी सोच से कई गुणा ज्यादा हो सकता है। उनका कहना है, अब हमें दुनिया ही यहां से बचा सकतीे है। जो लोग बचे हैं क्या उनको सफल इलाज मिल सकेगा या नहीं।     दूसरों को बचाते -बचाते मारे जा रहे लोग :       गजियनटेप में रहने वाले इरदिम और उनका परिवार इस इलाके में रह रहा था। वो किस्मत वाले हैं कि वो बच गए लेकिन उनका घर नहीं बच सकता और ना ही उनके जानवर बच सके हैं। इरदिन रोते हुए कहते हैं कि मुझे 40 साल हो चुके हैं इ कौलोनी में रहते हुए।         मेरे घर से दो घर छोड़कर मेरा दोस्त रहता था जिसे मैने आज ही डिनर के लिए बुलाया था। इरदिम ने कहा मैं अपने परिवार के साथ सड़क पर खड़ा था और शियाद मेरे परिवार को हौसला दे रहा था। तभी एक बड़ी इमारत गिरती है और शियाद उन्हें बचाने के लिए दौड़ता तो बाकी का बचा हिंस्सा उसक उपर गिरता है और उसकी आंखें बंद हो जाती हैं।