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OYO Rooms Success Story: छोटी सी उम्र में ही कंधों पर जिम्मेदारियां का बोझ  सड़कों पर सिम कार्ड बेचकर किया गुजर मेहनत के दम पर खड़ी कर दी 8000 करोड़ की कंपनी

Businessman Success Story:  दोस्तो बहुत  से सक्सेसफुल बिजनेसमैन है जो एक समय गरीबों की मार झेल चुके हैं और छोटी सी उम्र में ही अपना पेट पालने के लिए सड़कों पर रहने पर मजबूर हो चुके हैं,  अपनी मेहनत और लगन के दम पर आज वह किसी अलग ही मुकाम पर पहुंच चुके हैं।  ऐसे ही एक युवा बिजनेसमैन की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं। 
 
OYO Rooms Success Story: छोटी सी उम्र में ही कंधों पर जिम्मेदारियां का बोझ  सड़कों पर सिम कार्ड बेचकर किया गुजर मेहनत के दम पर खड़ी कर दी 8000 करोड़ की कंपनी

Dainik Haryana News:  Ritesh Aggarwal Co founder OYO Rooms(ब्यूरो): किसी ने सच्ची कहा है की मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती और आज की हमारी कहानी के पत्र के मेहनत और सफलता की कहानी सुनकर आप इस बात को गौर से समझ जाएंगे। हम बात कर रहे हैं ओयो रूम्स के को फाउंडर रितेश अग्रवाल की जिन्होंने 18 साल की छोटी सी उम्र में सड़कों पर सिम बेचने का काम तक किया लेकिन आगे चलकर अपनी मेहनत और लगन के दम पर 8000 करोड़ की कंपनी को खड़ा कर दिया, जाने किस तरह से पहुंच एक युवा इन बुलंदियों तक  आज हम हमारी खबर के माध्यम से आपके लिए यह सब जानकारी लेकर आए हैं।


 इस तरह का रहा रितेश के बिलेनियर बनने का सफर

 रितेश अग्रवाल का जन्म उड़ीसा के कटक के बिसम के साधारण परिवार में हुआ। रितेश के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अच्छी शिक्षा ग्रहण करें भाई मैं अपना कैरियर बना है लेकिन रितेश के मन में शुरू से ही कुछ और ही चल रहा था जिसके चलते वह पढ़ाई में मन नहीं लग पा रही थी।

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रितेश अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली आए एडमिशन लिया लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। उनके पिता ने रितेश को आईआईटी की तैयारी करने के लिए कोटा भेज दिया रितेश का मन नहीं लगा और  पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर चले आए।।  रितेश नए साल 2012 में स्टेज नाम का स्टार्टअप शुरू किया लेकिन वह नहीं चला जिसकी वजह से रितेश को भारी नुकसान उठाना पड़ा। रितेश वापस दिल्ली लौट गए और उनके पास केवल ₹30 ही बचे थे से उनका खर्च चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। रितेश अपना खर्च चलाने के लिए और बचत के लिए सड़कों पर घूम-घूम कर सिम कार्ड बेचने लगे।

 इस तरह से की बिजनेस की शुरुआत

 रितेश को शुरुआत से घूमने फिरने का काफी शौक था जिसके चलते वह कई जगहों पर घूमने के लिए जा चुके थे और वहीं से रितेश को अपने नए बिजनेस करने का आईडिया सूझा। देश चाहते थे कि लोगों को कम बजट में अच्छी सुविधाएं मुहैया कराया जा सके जिससे वह यहां पर घूम फिर सके।

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साल 2013 में रितेश को थिएल फेलोशिप के लिए चुना गया,  जहां से रितेश को 75 लख रुपए मिले और यहीं से रितेश अग्रवाल ने ओयो रूम्स की शुरुआत कर दी। रितेश ने अपनी कंपनी का नाम OREVAL Stays रखा जहां से वह लोगों को रहने के लिए होटल में किफायती दामों पर  पर बुकिंग की सुविधा उपलब्ध करवाते थे। इसके  बाद रितेश ने मुड़कर नहीं देखा और आज 80 देश के 800 शहरों में रितेश के होटल का कारोबार है। बात करें उनकी नेटवर्क की तो 1.1 अरब डॉलर है।