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UPSC Success Story : झुग्गी झोपड़ियों में पढ़ाने वाली महिला ने रचा इतिहास,एक बार में किया यूपीएससी टॉप
 

IAS Success Story : जैसा कि आप सभी जानते है यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवार कड़ी मेहनत करते है। लेकिन कुछ ही लोग इस परीक्षा को पास कर पाते है। आज हम आपको एक महिला अफसर की कहानी बताने जा रहे है जिसने झुग्गी झोपड़ियों में पढ़ाते हुए यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आईएएस का पद हासिल किया है। आइए जानते है इस आईएएस अफसर की सफलता की कहानी

 
UPSC Success Story : झुग्गी झोपड़ियों में पढ़ाने वाली महिला ने रचा इतिहास,एक बार में किया यूपीएससी टॉप

Dainik Haryana News,IAS officer Simi Karan's Success Story (New Delhi ) : यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को सिर्फ कुछ गिने चुने लोग ही पास कर पाते है। ऐसी ही एक झुग्गी झोपड़ियों में पढ़ाने वाली महिला ने इस कठिन परीक्षा को पास करके आईएएस अफसर का पद हासिल किया है। हम बात कर रहे हैं

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यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2019 की टॉपर और 2020 के बैच की आईएएस अफसर सिमी करण की। ओडिशा की सिमी करण आईआईटी बॉम्बे की पूर्व छात्रा रही है। सिमी करण ने अपनी बीटेक की पढ़ाई के दौरान मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में पढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ। जब सिमी ने इन बच्चोें की हालात देखी तो उसे बहुत बुरा लगा और उसने इन बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया।

इसके बाद से ही सिमी ने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया था। जिसने मायानगरी मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में पढ़ाते हुए न केवल यूपीएससी की परीक्षा को पास बल्कि आॅल इंडिया 31 वीं रैंक हासिल की।उसकी मेहनत का सफर यहीं नहीं थमा, वह प्रशिक्षण अवधि के दौरान भी वह सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी का खिताब अपने नाम करने में कामयाब रही। अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का केंद्रीय सचिवालय को कॉरीडोर उनकी प्रतिभा का साक्षी बनने को आतुर है।  बच्चों की हालत देखी तो सिविल सेवा को लक्ष्य बनाया

इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनने गई थी लेकिन बदल गया इरादा

सिमी करण ओडिशा से ताल्लुक रखती हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भिलाई, छत्तीसगढ़ में की है। उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां एक शिक्षिका थीं। सिमी बचपन से ही होनहार छात्रा थी।

उन्होंने 12वीं कक्षा के बाद इंजीनियरिंग में जाने का फैसला किया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के लिए उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया। लेकिन इंजीनियर बनने का उनका सपना तब बदल गया, जब उन्हें वहां झुग्गी बस्तियों में बच्चों को पढ़ाने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया।

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LBSNAA ने एलवी रेड्डी पुरस्कार से किया सम्मानित

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी  ने हाल ही में एक आधिकारिक ट्वीट के जरिये जानकारी दी कि इस साल सिमी करण, आईएएस ओटी 2020 नॉर्थ-ईस्ट कैडर (असम-मेघालय) को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अधिकारी प्रशिक्षु के तौर पर एलवी रेड्डी मेमोरियल अवॉर्ड और सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।