Health Tips : कैंसर एक बहुत ही भायानक रोग हैं और ये हर साल इसके कैस बढ़ते जा रहे है आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने ला रहे है जिसे आप कैंसर के लक्षण को दूर कर सकते है आइए जानते है।
Dainik Haryana News, Health Advice(New Delhi):भारत में हर साल 10 लाख से अधिक लोग कैंसर की चपेट में आते हैं। यह दावा एनपीपीसी की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साल-दर-साल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी हेपेटोलॉजी और उन्नत इंटरवेंशनल एंडोस्कोपी में विशेषज्ञता रखने वाले गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में हर दस में से एक शख्स कैंसर की चपेट में होगा।ऐसे में कैंसर के जोखिम को कैसे कम किया जाए, इसका जवाब हर कोई जानना चाहता है। यही वजह है कि इस आर्टिकल में हम कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए डॉक्टर सौरभ सेठी द्वारा शेयर किए गए टिप्स बता रहे हैं।
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डब्ल्यूएचओ की जानकारी के अनुसार अल्कोल एक हानिकारक पेय पदार्थ है। इसके सेवन से कैंसर के होने की संभावना अधिक होती है। कुछ लोग अल्कोहल का सेवन को कम करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी उनमें से हो तो आप पूरी तरह से गलत हो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शराब की एक बूंद भी कैंसर का कारण नहीं है। शराब से सात प्रकार के कैंसर का जोखम होता है, जिनमें कोलन, लिवर, पेट, पैंक्रियाटिक, ब्रेस्ट, थ्रोट और एसोफेगस शामिल हैं। कैंसर हाने पर खुद को किस प्रकार से बचाएं, डॉक्टर से जानें
Read More :Ind W vs Aus W Test Match: भारत की बेटियों ने ऑस्ट्रेलिया को चबाए नाकों तले चने, दर्ज की एतिहासिक जीत अपने जेनेटिक्स के बारे में समझे:
कैंसर से बचाव व समय पर इसको पहचानने के लिए अपने जेनेटिक्स के बारे में समझे। दरअसल, कुछ कैंसर अनुवांशिक प्रकृति के होते हैं। इनका पीढ़ी दर पीढ़ी में होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में अपने परिवार के लोगों से इस बारे में खुलकर बात करें और समझें। आप में कैंसर की आशंका है, यह पता लगाने के लिए आप जेनेटिक कैंसर टेस्टिंग करा सकते हैं
प्रोसेस्ड मीट को अवॉइड करें:
कैंसर में हमें प्रोसेस्ड मीटर का सेवन नहीं करना चाहिए और आज ही इसे अपने घर से बाहर कर दें। कई शोध में इसकी पुष्टि हुई है कि प्रोसेस्ड मीट आंत, पेट, प्रोस्टेट और पैंक्रियाज के कैंसर की संभावना को बढ़ाता है। आईएआरसी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल कैंसर से होने वाली 34 हजार मौत का संबंध प्रोसेस्ड मीट से जुड़ा होता है।
कैंसर के पीड़ित स्मोकिंग ना करें:
डब्ल्यूएचओ की एक रिपांर्ट के अनुसार, हर साल कैंसर होने के से होने वाली मौतों में फेफड़ों के मरीज सबसे अधिक हैं। लंग्स कैंसर का सबसे मुख्य कारण स्मोकिंग को माना जाता है। इसमे ब्लैडर और किडनी कैंसर के होने का भी खतरा होता है। ऐसे में आप को स्मोकिंग कि लत को आज ही छोड़ देना चाहिए।