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Success Story : बकरियां चराने वाला बन गया IFS,जानें सफलता ही कहानी

 
Success Story : बकरियां चराने वाला बन गया IFS,जानें सफलता ही कहानी
Dainik Haryana News : UPSC Success Story : हर साल बहुत से युवा IAS बनने के लिए UPSC की परीक्षा में भाग लेते हैं ।कुछ को सफलता मिलती है, तो कुछ निराश होकर लोट जाते हैं । और प्रयास छोड़ देते हैं । लेकिन आज हम एसे युवा की जिसने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया लेकिन हार नहीं मानी और IFS अफसर बन गया । इनका नाम है, अमराराम गुर्जर ।     कौन है Amararam Gurjar      अमराराम गुर्जर परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से कभी कालेज नही जा पाए। वो बकरियां चराया करते थे । अमराराम गुर्जर राजस्थान के पाली जिले के गुड़ा रामसिंह गांव के रहने वाले हैं । उनके पिता का नाम घीसाराम गुर्जर और मां तीजा देवी साधारण किसान थे । वे 8भाई बहन थे। अमराराम ने 5 km जाकर 5 वीं तक की पढ़ाई पूरी की, उनके पास पहने के लिए चप्पल जूते तक नही थे। इस बीच गरमी के दिनों में तपते रेत में हर रोज नंगे पाँव 10 km का सफर तय किया करते थे ।   Read Also: Entertainment: कियारा को अपना बनाने, सिदार्थ मलहोत्रा की निकली बारात   आगे की पढ़ाई उन्होंने 15 किमी दूर बगड़ी के एक स्कूल से पूरी की. छुट्टी के दिन वे पिता के साथ बकरियां चराने जाते थे। आर्थिक तंगी की वजह से अमराराम ने 1994 में पढ़ाई छोड़ दी । इसके 1 साल बाद दोबारा पढ़ाई शुरू की और 12वीं में 74 % अंक प्राप्त किए। परीक्षा के थोड़े दिन बाद उनके पिता का देहांत हो गया ।इस हादसे ने उन्हें तोड़ कर रख दिया था। इसके बाद उन्होंने 1998 में टीचर ट्रेनिंग का कोर्स पूरा किया । पहले ही मुश्किल कम थी, कया इस बीच सन 2000 में उनकी माता का भी देहांत हो गया ।     इसके बाद का जीवन संघर्ष   Read Also: Success Story : तलाक के बाद भी नहीं टूटा एक मां का हौसला, कड़ी मेहनत से बनी IAS अफसर इसके बाद अमराराम ने हार नही मानी और निरंतर प्रयास करते चले गये । ग्रेजुएशन मे उन्होंने 61 %अंक प्राप्त किए। इसके बाद साल 2003 में वे दिल्ली एमसीडी के स्कूल में टीचर के रूप में भर्ती हो गए और 2 साल तक संगम विहार के स्कूल में पढ़ाया. इसी दौरान उन्होंने राजस्थान पुलिस में भर्ती का फॉर्म भरा और वर्ष 2005 में दूसरी रैंक लाकर राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर बन गए।       अमराराम इसके बाद भी रूके नही और UPSC की तैयारी में जुट गए । और 2006 में पहले प्रयास में असफल रहे ।लेकिन साल 2007 में 140 वीं रैंक प्राप्त कर IFS अफसर बन गए । 16 साल के करियर में कई देशों में सेवाएं दी। वे भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं और फिलहाल इटली में डिप्‍टी एम्‍बेसडर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।