Windfall Tax Hike : विंडफॉल टैक्स में एक बार फिर बढ़ोतरी, महंगा होगा डीजल-पेट्रोल!
Feb 4, 2023, 10:35 IST
Dainik Haryana News : Windfall Tax Hike : जैसा की आप जानते हैं, काफी समय से डीजल और पेट्रोल के दामों में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। हाल ही में तेल कंपनियों को एक और झटका लगा है जिसमें सरकार की और से विंडफॉल टैक्स को बढ़ा दिया गया है। आने वाले समय में विंडफॉल टैक्स(Windfall Tax) में बढ़ोतरी होने की वजह से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स(Windfall Tax) की बात की जाए तो पहले 1900 रूपये प्रति टन था जो अब बढ़ाकर 5050 रूपये प्रति टन कर दिया गया है। वहीं, एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स(Windfall Tax) देखा जाए तो उस पर भी 3.5 प्रति लीटर से बढ़ाकर 6 रूपये लीटर कर दिया गया है। आइए खबर में जानते हैं पूरी डिटेल्स। Read Also: world cancer day : ‘वर्ल्ड कैंसर डे आज’, जानें क्यों मनाया जाता है कैंसर दिवस? नए रेट आज से लागू : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज से ही नए रेट को जारी कर दिया गया है। और डीजल पर लगने वाली एडिशनल एक्सपोर्ट ड्यूटी( additional export duty) हो 5 रूपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 7.50 रूपये कर दिया गया है। लेकिन, पेट्रोल के दामों में फिलहाल किसी भी तरह का कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। पिछले दिनों से ही सरकार की और से यह तय किया गया था कि इस साल का विंडफॉल टैक्स(Windfall Tax) 25 करोड़ से ज्यादा का होना चाहिए। रूस से कम रेट पर मिल रहा कच्चा तेल : Read Also: Samsung Galaxy S23 भारत में लॉन्च, नहीं मिल रहा ये फीचर बता दें, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चे तेल और र्इंधन का प्रयोग करता है और आयात भी करता है। साल 2022 में रूस से कम दामों पर कच्चे तेल को खरीदा जा रहा है। पिछले साल ही तेल पर विंडफॉल(Windfall Tax) को लगाया गया था। रूस की सप्लाई में प्रभाव देखने के बाद ही भारत की कंपनी अपने निर्यात को बढ़ाने लगी और उसके बाद ही सरकार की और से टैक्स को शुरू कर दिया गया। क्या होता है विंडफॉल टैक्स? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अचानक एक या एकदम से जो लाभ होता है और सरकार द्वारा उस पैसे पर टैक्स लगा दिया जाता है उसी को हम विंंडफॉल टैक्स(Windfall Tax) का नाम देते हैं। बताते चलें, हर 14 दिनों के बाद विंडफॉल टैक्स(Windfall Tax) पर समीक्षा होती है और उसी के आधार पर इसके रेट में कमी या बढ़ोतरी की जाती है।