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1 January 2024 : जानें हर साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल

 
1 January 2024 : जानें हर साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल
New Year 2024 : नया साल ही शुरूआत हर साल 1 जनवरी से की जाती है। क्या आप सब जानते है ऐसा क्यो किया जाता है किसी और महीने नया साल की शुरूआत क्यों नही कि जाती है आइए जानते है की हर साल नए साल की शुरूआत 1 जनवरी से क्यो होती है। DAinik Haryana News, Vastu Tips(New Delhi): इससे जुडा रोचक इतिहास इस दिन पूरे विश्व में पुराने साल को अलिविदा कहने और नए साल का स्वागत करने के लिए 1 जनवरी को जश्न बनाया जाता है। क्या आप को पता है कि 1 जनवरी को ही नए साल की शुरूआत क्यो होती है। किस प्रकार से हुई कैलेंडर की रचना आइए जानते है। Read Also : Rule Changed : आज से बदल गए आमजन से जुड़े ये जरूरी नियम, कहीं जाने से पहले जान लें जरूर क्यों मानते है 1 जनवरी को नया साल साललरोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन 45 ईसा पूर्व में हुआ था। रोमन कैलेंडर में रोेम के तत्कालीन राजा नूमा पोंपिलुस के समय में 10 महीने हुआ करते थे। इस समय में 8 दिन हफ्ते के और सालभर में 310 दिन हाते हैं। फिर कुछ समय के बाद में नूमा कैलेंडर में बदलाव के बाद कैलेंडर का पहला महीना जनवरी को मनाया गया। इसी के चलते 1582 ई. के ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरूआत के बाद में 1 जनवरी को नया साल के रूप में शुरू हुआ।

कैसे बना ग्रेगोरियन कैलेंडर?

रोमन के राजा जूलियस सीजर ने जीसस क्राइस्ट के जन्म से 46 साल पहले नई गणनाओं के आधार पर नया कैलेंडर निर्मित किया। इसके बाद से ही 1 जनवरी से नए साल के शुरुआत की घोषणा गसीजर ने की। इनकी गणना के आधार पर पृथ्वी 6 घंटे सूर्य की परिक्रमा करती है और साल में 365 दिन होते हैं। लेकिन जब कैलेंडर में जनवरी और फरवरी माह जोड़ा गया तो सूर्य की गणना के साथ तालमेल सही नहीं बैठ पाया. इसके बाद खगोलविदों ने इस पर कई रिसर्च किए। सूर्य चक्र या चंद्र चक्र की गणना के आधार पर ही किसी कैलेंडर की रचना होती है. सूर्य के चक्र के आधार पर बने कैलेंडर में 365 दिन होते हैं। वहीं चंद्र के आधार पर बने कैलेंडर में 354 दिन होते हैं। ग्रिगोरियन कैलेंडर सूर्य की गणना पर आधारित है. ऐसे में ज्यादातर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर को ही मान्यता दी जाती है। Read More:Chanakya Niti : 2024 में सफलता पानी है तो जीवन में लागू करें आचार्य चाणक्य की ये बातें

जनवरी को किस प्रकार से बना साल का पहला महीना:

सन् 1582 से पहले मार्च से वंसत ऋतु से नए साल का जश्न को मनाया जाता था। लेकिन नूमा के फैसले के बाद से नया साल की शुरूआत जनवरी होने लगी। दरअसल रोमन देवता मार्स जोकि युद्ध के देवता थे। इसके नाम पर मार्च महीने का नाम रखा गया था। वहीं जनवरी महीने का नाम रोमन देवता के नाम पर रखा गया था। जिनके 2 मुंह थे। उनके आगे वाले मुंह से शुरूआत और पीछे वाले से अंत माना जाता था। फिर नूमा ने साल की शुरूआत के लिए जेनस देवता का चुनाव किया तब से जनवरी को नया साल का जश्न मनाया जाता है।