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9 Newborn Babies Deathb in Hospital: अस्पताल में एक दिन में 9 नवजात बच्चों की मौत, जांच के सख्त आदेश

 
9 Newborn Babies Deathb in Hospital: अस्पताल में एक दिन में 9 नवजात बच्चों की मौत, जांच के सख्त आदेश
24 Hours 9 Newborn Babies Death in Hospital: एक नहीं दो नहीं 24 घंटे के अंदर अस्पताल में 9 नवजात बच्चे और एक 2 साल के बच्चे की मौत(9 Newborn Babies Deathb in Hospital) के बाद मचा हड़कंप। जब मामला बाहर आया तो क्या कहा डाक्टर ने और इन सब का जिम्मेदार कौन। पुरे मामले की जानकारी के लिए बनें रहें हमारे साथ। Dainik Haryana News: West Bengal News(ब्यूरो): पश्चिम बंगाल(West Bengal) के मुर्शिदाबाद मेडिकल कालेज और अस्पताल( Murshidabad Medical College and Hospital) में 9 नवजात बच्चों और एक 2 साल के बच्चे की मौत पिछले 24 घंटे के अंदर हो चुकी है। इसके बाद अस्पताल पर जांच की मांग भी तेज हुई है और ये मुद्दा जोर पकड़ रहा है। एक साथ इतने बच्चों की मौत के बाद अस्पताल के खिलाफ एक जांच कमैटी का गठन किया गया है।

इसपर अस्पताल प्रबंधक ने क्या कहा

अस्पताल के चिकित्सा अधीकक्षक सह उप प्राचार्य अमित कुमार दाह का कहना है कि हम कुछ बच्चों को बचाने में समर्थ नहीं हुए, ऐसा इसलिए हुआ कि इनमें से ज्यादातर बच्चे कुपोषण का शिकार थे और कुछ बच्चे 600 ग्राम और 500 ग्राम के पैदा हुऐ थे। Read Also: Metro Extension In Haryana : हरियाण सरकार करने जा रही मेट्रो का विस्तार, इन जगहों पर बनेंगे नए मेट्रो स्टेशन

समय को लेकर भी कही बात

डाक्टर दाह ने इस बारे में कहा कि ऐसे मामलों में उपचार में टाइम का विशेष महत्व होता है। डाक्टर दाह ने बताया की मरीजों को पहले जंगीपुर लेजाया गया और इसके बाद उनके पास लेकर आया गया। किसी भी मरीज के लिए पहले 4 से 5 घंटे बड़े ही अहम होते हैं, अगर इन 4 से 5 घंटों के अंदर मरीज को वो इलाज ना दिया जाए जिससे उसकी जान बच सके तो इसके बाद मरीज की जान बचाना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है।

बच्चों के बारे में कही ये बातें

Read Also: Health Tips : सर्दियों में इन 5 लोगों को नही करना चाहिए संतरे का सेवन! डाक्टर दाह ने बताया जो बच्चे 800 से 1000 ग्राम के पैदा होते हैं उनको बचाया जा सकता है, लेकिन इससे कम को बचाना मुश्किल हो जाता है। उनके पास 130 बैड हैं और वो इस समय 300 मरीजों का इलाज कर रहे हैं। बाहर से भी उनके पास मरीज आ रहे हैं।