Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य महान होने के साथ एक अच्छे शिक्षक भी है। उन्होंने मानव हित के कल्याण में कुछ ऐसी जरूरी बातें बताई है जो कि लोगों को सही तरीके से जीवन जीने के बारे में बताती है। उन्होंने नीति शास्त्र में बताया है कि संतान पर कैसे ध्यान रखें ताकि वह कुल को उजागर करें।
Dainik Haryana News, Chanakya Tips ( New Delhi ) : आचार्य चाणक्य की नीतियों पर अगर व्यक्ति चलें तो उसे जीवन के हर कदम पर सफलता हासिल होगी। इन्हीं में से एक नीति के बारे में आज बात करेगें जिसमें माता-पिता को अपने बच्चे का पालन पोषण कैसे करना चाहिए ताकि वह अपने परिवार का नाम रोशन कर सकें।
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संतान के लालन पालन के दौरान उसकी बुरी आदतों पर ध्यान दें. साथ ही समय रहते उसे सुधारे. कुल के विनाश को रोकने के लिए संतान पर नियंत्रण और संस्कार देना जरूरी है. एक उत्तम और आज्ञाकारी संतान ही पूरे कुल को आगे बढ़ाती है. आचार्य चाणक्य के बारे में बात करें तो वह एक विद्वान गुरु तो थे ही साथ ही वह एक कुशल नीति शास्त्र के मर्मज्ञ भी माने गए हैं. उनके नीति शास्त्र के जरिए ही खुद चाणक्य ने समाज सुधारक, सलाहाकार, दार्शनिक गुरु की उपाधि हासिल की है. उन्होंने अपने शास्त्र में कुल नाशि होने की वजह के बारे में भी जिक्र किया है, जिसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
Read More : Jacqueline Fernandes New Photo : जैकलीन फर्नांडिस ने करवाया ऐसा फोटोशूट, देख फैंस हुए दीवाने चाणक्य शास्त्र का श्लोक एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वह्निना . दह्यते तद्वनं सर्वं कुपुत्रेण कुलं यथा ॥ इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहना चाहते है कि सूखे पेड़ में आग लग जाने के कारण पूरे कुल का नाश हो सकता है। ठीक वैसे ही एक दुष्ट संतान की वजह से पुरे कुल का नाश हो सकता है। जैसे अगर संतान आज्ञा ना मानने वाली हो तो वह पूरे घर की इज्जत और मान प्रतिष्ठा को नष्ट कर सकती है। जिसकी वजह से पूरे कुल का विनाश हो सकता है। जैसे एक गंदी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है ठीक वैसे ही एक कुपुत्र परिवार के सम्मान को पानी में डुबा सकता है।