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Aditya L-1 Today Update: आदित्य एल-1 पर मंडराया खतरा, ये बन सकती है बड़ी वजह

 
Aditya L-1 Today Update: आदित्य एल-1 पर मंडराया खतरा, ये बन सकती है बड़ी वजह
ISRO Solar Mission: इसरो ने आदित्य एल-1 को 2 सितंबर को श्रीहरीकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया और यान तेजी से अपने मिशन की और चला। 15 लाख किलोमीटर का लंबा सफर और 125 दिनों का समय, यानि 4 महीने में आदित्य एल-1 सूर्य तक पहुंच जाएगा। ताजा मिली जानकारी के अनुसार आदित्य एल-1 पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है, जिससे आदित्य एल-1(V) खतरे में पड़ सकता है, आखिर क्या है वो बड़ा खतरा जो इसरो मिशन के लिए खतरा बन सकता है, जानने के लिए बनें रहें हमारे साथ। Dainik Haryana News: Mission Aditya L-1(ब्यूरो): आदित्य एल-1 धरती के 4 आरबीट को पार कर अब सूर्य की और निकल चुका है। इसे धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर और सूर्य से 14 करोड़ 85 लाख किलोमीटर दूर एल-1 बिंदू पर स्थित किया जाएगा। आदित्य एल-1 (Aditya L-1)अभी तक कई जानकारी इसरो के साथ सांझी कर चुका है, लेकन मिशन पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। NASA ने इस बात का खुलासा करते हुए पिछले साल का एक वीडियो जारी किया है जिसमें NASA का पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe)तुफान में फंसा है। पार्कर तुफान की लडाई जीत जाता है। एक बार फिर से ये तुफान धरती के दांए बांए टकरा रहे हैं, ऐसी जानकारी मिली है कि जल्दी ही तुफान आदित्य एल-1 से भी टकरा सकता है। Read Also: Chanakya Niti: चाणक्य नीति कहती है, ये 4 बातें लाती हैं, रिस्तो में दरार अगर ऐसा हुआ तो आदित्य एल-1 मुश्किल में पड़ सकता है। आदित्य एल-1 (Aditya L-1) को इन तूफानों से बचने के लिए तैयार किया गया है।स्पेस मेटल से तैयार आदित्य एल-1 ने अपने आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। आज आदित्य एल-1 को 20 दिन का समय होने को आया। सब कुछ अच्छे से चल रहा है। इसरो इन 20 दिनों में लगातार 4 बार आदित्य एल-1 की कक्षा को बदल चुके हैं और सफलता मिली है। भारत का ये पहला सोलर मिशन है। आदित्य एल-1(Aditya L-1) को प्यार से सूर्ययान भी कहा जा रहा है। अभी एक और अध्याय लिखने में 104 दिन का समय और रहता है। चांद पर विजय पाने के बाद अब वो दिन भी दूर नहीं जब भारत सूर्य को भी छु लेगा। Read Also: Viral News : इंडिया में सीमेंट आने से पहले किस चीज से मिलती थी घरों को मजबूती आदित्य एल-1 सूर्य से दूर रहकर उसके बाहय आवरण की जानकारी इकट्ठा करेगा। आदित्य एल-1 को 5 साल काम करने के लिए बनाया गया है। इसरो का कहना है कि अगर सब कुछ ठिक चलता रहा तो आदित्य एल-1 अगले 10 साल तक भी काम करता रहेगा। आदित्य एल-1 (Aditya L-1)धरती और चांद की एक सेल्फी भी भेज चुका है।