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Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 रचने वाला है इतिहास

 
India ISRO: चंद्रयान 3 से पहले भारत की और से विक्रम लैंडर यानि चंद्रयान 2 को भेजा गया था। विक्रम लैंडर का अभियान असफल रहा था। जानकारी में पता चला था कि चंद्रयान-2 में चंद्रमा की सतह तक पहुंच से 1.2 किलोमीटर दूरी पर ही दिक्कत आने लगी थी। जिसकी वजह से वो चांद पर साफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था। Dainik Haryana News: #Mission Chandrayaan 3(ब्यूरो):  इसके बाद एक बार फिर से चंद्रयान 3 अपने मिशन के लिए निकल चुका है। 42 दिन में चंद्रयान 3 सफलता से चांद तक पहुंचने पर भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस को चांद तक जाने में लगे थे बस 4 दिन।

भारत को क्यों लगने वाले हैं 42 दिन

चंद्रयान 3 का वजन 3 हजार 900 किलो है। जितने तेजी से चंद्रयान चांद तक पहुंचेगा उतना ही इधन ज्यादा लगेगा। Read Also: Funny Jokes:हंसी रोक नहीं पाएंगे नाशा के 185 मिलियन डॉलर की लागत की बजाहे। इसरो ने मात्र 600 करोड़ में चंद्रयान 3 को तैयार कर लांच कर दिया। भारत का चंद्रयान 3 भी उसी जगह पर लैंड करने वाला है जहां चंद्रयान 2 क्रैस हुआ था। बात करें चांद की तो इसकी दूरी धरती से 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है। चांद का कोई वायुमंडल नहीं है। जिसकी वजह से चांद पर दिन के समय 180° तक पहुंच जाता है तथा रात का तापमान -153° तक पहुंच जाता है। Read Also: Delhi Weather Update: दिल्ली पहले ही बाढ़ से बेहाल एक और मुश्किल ने दी दस्तक ना ही चांद की कोई अपनी रोशनी होती। चांद का कोई गुरुत्वाकर्षण बल नहीं होता, जिसकी वजह से चांद पर जाने के बाद वयक्ति का वजन घट जाता है। चंद्रयान तीन चांद के डार्क जोन पर उतरने वाला है। चंद्रयान 3 के सफल होने की कामना कीजिए और इंतजार कीजिए।