{"vars":{"id": "112803:4780"}}

Mahindra & Mahindra : महिंद्रा एंड महिंद्रा पर ठुका करोड़ों रूपये का जुर्माना, जानें वजह!

 
Mahindra And Mahindra Fined : महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी एक वाहन निर्माता कंपनी है जो करोड़ों रूपये का बिजनेस करती है। हाल ही में खबर मिल रही है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा पर करोड़ों रूपये का जुर्माना लगाया गया है। आइए खबर में जानते हैं किस वजह से लगाया जाएगा जुर्माना। Dainik Haryana News,Mahindra And Mahindra Company(ब्यूरो): वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा घरेलू वाहनों का निर्माण करती है उसके दोपहिया कारोबार के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट दावे और शिक्षा उपकर के्रडिट बैलेंस को जीएसटी -पूर्व दौर से जीएसटी प्रणाली( GST system) में लाने पर 4.12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी की तरफ से आज ही ये जानकारी दी गई है एमएंडएम ने शेयर बाजार को सूचना देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित कार्यालय उपायुक्त से महिंद्रा टू व्हीलर्स लिमिटेड के बिजनेस संबंध में 4,11,50,120 रूपये का जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। इस कारोबार का एमटीडब्ल्यूएल( MTWL) से अलग कर एमएंडएम( m&m's) में विलय कर दिया गया था। READ ALSO :Hamas and Israel War : 7 अक्टूबर को इजरायली महिलाओं के साथ की गई थी ऐसी हैवानियत

कंपनी की तरफ से कही गई ये बात :

कंपनी की तरफ से मूल्यांकन के आधार पर अपील को दायर किया जाएगा। उसे अपीलीय स्तर पर अनुकूल परिणाम की उम्मीद है और उसे नहीं लगता कि उक्त आदेश से कंपनी पर कोई वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले बृहस्पतिवार को एमएंडएम( m&m's) ने कहा था कि कंपनी को सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, खंड-4, अहमदाबाद दक्षिण के कार्यालय के सहायक आयुक्त से एमटीडब्ल्यूएल( MTWL) के दोपहिया वाहन कारोबार के संबंध में 56,04,246 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश मिला है। READ MORE :CoronaVirus in India: भारत में फिर से आंख दिखा रहा कोरोना, तेजी से बढ़ रहे मरीज

जानें क्या रही जुर्माना लगाने की वजह?

एमटीडब्ल्यूएल( MTWL) द्वारा जिस चालान के आधार पर इनपुट टैक्स के्रडिट का दावा किया गया है कि उसे विक्रेताओं द्वारा जीएसटी रिटर्न में रिपोर्ट नहीं किया गया और इस तरह से ऑटो पॉपुलेटेड जीएसटीआर-2ए( Auto Populated GSTR-2A) में दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा, जुर्माना लगने की एक और वजह ये भी है कि शिद्वाा के्रडिट बैलेंस को जीएसटी पूर्व दौर से जीएसटी प्रणाली( GST system) लाने की अनुमति नहीं दी गई है। जुर्माने का एक अन्य कारण यह है कि शिक्षा उपकर क्रेडिट बैलेंस को जीएसटी-पूर्व दौर से जीएसटी प्रणाली( GST system) में लाने की अनुमति नहीं है।