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Titan Submarine: टाइटन पनडुब्बी के फटने के वजह आई सामने

 
 
Titanic Malba: पिछले महिने 5 अरबपति ऐतिहासिक जहाज टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए 4000 मीटर की गहराई में जाने के लिए पनडुब्बी में सवार हुए। इसके बाद 2 घंटे के आस-पास उनका संपर्क बाहरी दूनिया से टुट गया। इसके बाद कई दिनों तक सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन किसी की कोई खोज खबर नहीं लगी। Dainik Haryana News: #Titan Submarine New Update(ब्यूरो): लेकिन एक शाम ऐसी आई जहां पांचों अरबपतियों को मृत घोषित कर दिया गया। तथा बताया गया की पनडुब्बी के फटने से ये हादसा हुआ है। लेकिन पनडुब्बी किस वजह से फटी इस बात का किसी को कोई अंदाजा नहीं था। सर्च अभियान रोक दिया गया, लेकिन बहुत सी कंपनियां इस बात का पता लगाने के लिए की ये हादसा कैसे हुआ और पनडुब्बी के फटने की सबसे बड़ी वजह क्या रही पता लगाने के लिए लगातार सर्च अभियान जारी रखे हुए थी। 10 से 12 दिनों बाद टाइटैनिक जहाज के मलबे से 2000 फिट के आस-पास दूरी पर टाइटन पनडुब्बी के मलबे को खोज लिया गया और बाहर निकाला गया, मलबे के साथ-साथ मानव अवशेष होने की भी बात कही गई। Read Also: Urfi Javed: बच्चे जिन कंचों से खेला करते थे, उर्फी जावेद ने बना डाली ड्रैस, फिर घटी ये घटना सभी को हादसे का पता लगाने के लिए टेस्ट करने के लिए अमेरिका भेज दिया गया। चार देशों की टीम टाइटन पनडुब्बी के मलबे को इकट्ठा करने के लिए लगी हुई हैं। कुछ टुकड़ों को बाहर निकाल लिया गया। पनडुब्बी के इन बिखरे टुकड़ों को देखते हुए एक्सपर्ट ने ये अनुमान लगाया है कि जो लोग पनडुब्बी के अंदर बैठे थे उनको तो पता ही नहीं चला होगा की उनके साथ ये सब होने वाला है। जब बाहरी दूनिया से उनका संपर्क टूटा तभी बलासट हुआ होगा। हादसा इतनी तेजी से हुआ होगा की पनडुब्बी में बैठे 5 लोगों को दर्द का आह तक महशूश नहीं हुआ होगा। जब तक किसी को कुछ पता लगा होगा तब तक तो उनके चिथड़े उड़ चुके होंगे। Read Also: Weather Update : 12 जुलाई तक इन इलाकों में होगी 75 प्रतिशत से ज्यादा बारिश, गर्मी से मिलेगी राहत जब 4 देशों की टीम बहुत सारे ड्रोन पनडुब्बी के मलबे को इकट्ठा करने में कामयाब नहीं हो पा रहै तो आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि अंदर बैठे लोगों का क्या हुआ होगा। अचानक से होने वाले बलासट के बाद ही उनका संपर्क टूटा होगा और मौत कब आई उनको पता भी नहीं चला होगा, सोचना तो दुर की बात है। एक्सपर्ट का कहना है कि जैसे-जैसे पनडुब्बी पानी की गहराई में जाती रही उस पर पानी का दबाव बढ़ता रहा और पनडुब्बी वहीं चिपक गई होगी तथा जो लोग उसके अंदर बैठे थे वो भी वहीं सपट गए होंगे और इतने टूकड़े हुए होंगे, जिनहे समेटना बेहद मुश्किल हो रहा है। अगर पनडुब्बी का पुरा मलबा मिलता उनको जोड़कर यह पता लगाया जा सकता है कि कहां कमी आई। ये सिर्फ एक अचानक से हुआ हादसा है यां फिर किसी ने लापरवाही बर्ती, इसके लिए कोई जिमेदार तो नहीं। कहा जाता है कि पनडुब्बी के बलासट से उसके इतने टूकड़े हुए होंगे और वो कहां तक फैले होंगें इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है। Read Also: Tirth Yatra : बुजुर्गों को सरकार कराने जा रही फ्री तीर्थ यात्रा, सबकुछ होगा फ्री सभी टूकड़े मिल भी पाएंगे यां नही ये भी कहना मुश्किल है। मानव शव का तो मिलना लगभग नामुमकिन सा ही है, कयोंकि वहां बहुत से समुद्र में रहने वाले जीव भी होंगें या फिर इतने दिन ही गए शव गल गए होंगे। पनडुब्बी के मलबे को खोजना घास में सुई खोजने के बराबर है, यां यूं कहें कि इससे भी मुश्किल है। पानी में इतनी गहराई तक सुर्य की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती तो बहुत अंधेरा रहता है। इससे जुड़ी ताजा जानकारी के लिए जुड़े रहें हमारे न्यूज चैनल के साथ।