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Amul Milk Price : अमूल दूध की कीमतों में होने जा रहा बड़ा बदलाव! जानें सस्ता होगा या महंगा

 
Amul Milk Price Update : अमूल दूध को आज कौन नहीं जानता है। देशभर में इस ब्रांड के प्रोडक्ट की बिक्री होती है। कंपनी की और से कीमतों को लेकर बड़ा खुलासा किया है आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में। Dainik Haryana News,Amul Milk Price Today(नई दिल्ली): कंपनी के प्रबंध निदेशक जयेन एस मेहता ने बुधवार को दूध की कीमतों को लेकर बड़ी सूचना दी है। इस साल बारिश और मानसून अच्छी रहने के बाद दूध का काम काफी अच्छा चल रहा है जिसके बाद कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। प्रबंध निदेशक की ये बात सुनकर आमजन को राहत मिली है। कंपनी का कहना है कि इस साल उत्पादकों पर चारे की लागत के लिए ज्यादा दबाव देखने को नहीं मिल रहा है और दूध खरीदने के अच्छे दौर में हम प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में अभी तक दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की कोई उम्मीद नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि हम हर साल योजनाओं पर 3 हजार करोड़ रूपये का निवेश कर रहे हैं जो आने वाले समय में ऐसा ही होता रहेगा। READ ALSO :Success Tips : यह तरीके आपको व्यवसाय में दिला देंगे सफलता दूध की खरीद में वृद्धि के साथ-साथ प्रसंस्करण सुविधाओं में भी विस्तार की आवश्यकता है, हम राजकोट में एक नई डेयरी खोलने जा रहे हैं जिसकी क्षमता हर रोज 20 लाख लीटर दूध से ज्यादा होगी। वहीं, एक नई पैकेजिंग और प्रसंस्करण इकाई भी होगी। इस डेयरी को 2 हजार करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा और इसके साथ ही पहले से कई और परियोजनाएं भी चल रही हैं। यूरोपीय संघ (EU) जैसे कुछ व्यापारिक साझेदारों द्वारा मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) के तहत इस क्षेत्र में आयात शुल्क रियायतों की मांग के बारे में पूछे जाने पर, प्रबंधक का कहना है कि दूशभर में 10 करोड़ रूपये से अधिक परिवारों को रोजगार मिल है जो छोटे और सीमांत किसान भी हैं। अगर विकसित देश अपना अधिशेष उत्पादन हमारे देश में डंप करना चाहते हैं तो ये हमारे देश के किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। READ MORE :PM Vishwakarma Yojana को लेकर सरकार का बड़ा अपडेट जारी बताया गया है कि सरकार को भी इस बात का पहले से ही पता है, इसलिए सभी एफटीए(FTA) को डेयरी क्षेत्र से बाहर रखा गया है। डेयरी सामान को मामूली 30 फीसदी पर आयात करने की अनुमति देता है, यूरोपीय संघ को डेयरी उत्पादों का निर्यात करना मुश्किल है। अमेरिका में इस शुल्क की बात की जाए तो वह 60 से 100 फीसदी तक है। हमारे देश में खुला बाजार है लेकिन हम कभी भी ये नहीं चाहेंगे कि अधिशेष सस्ती दर पर हमारे देश में आए और हमारे देश के ही छोटे किसानों को इसका नुकसान हो जाए।