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Bank Privatization : वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान, को छोड़कर इतने बैंक होने जा रहे प्राइवेट!

 
Bank News : आपको बताते चलें, 2019 में 4 बैंकों को आपस में मर्ज कर दिया गया था। उसके बाद पूरे देश में केवल 12 ही बैंक ऐसे हैं जो सरकारी रह गए हैं। पहले ही बात की जाए तो देश में सरकारी बैंक 27 होते थे। वहीं, वित्त मंत्राालय की और से जानकारी दी जा रही है Dainik Haryana News : Bank Privatization Latest Update (ब्यूरो) : बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की हर रोज नई अपडेट सामने आती रहती है। सरकार पहले भी कई बैंकों का प्राइवेटाइजेशन कर चुकी है। हाल ही में एक और सुचना मिल रही है कि सिर्फ एसबीआई(SBI) को छोड़कर सभी बैंकों का प्राइवेटाइजेशन कर दिया जाएगा। सरकार इस पा जोरों से काम कर रही है लेकिन सरकारी कर्मचारी जो बैंकों में काम करते हैं वो इसके विरोध में हैं। देखना ये है कि कब और कौन से बैंक प्राइवेट हो सकते हैं। आइए खबर में जानते हैं ताजा अपडेट।

क्या एसबीआई बैंक का भी होगा निजीकरण :

अब सवाल ये आता है कि क्या? एसबीआई(SBI) का भी निजीकरण होगा तो जवाब है नहीं। बैंकों को प्राइवेट करने में सभी की राय अलग अलग है। देश के महान दो अर्थशास्त्री कहते हैं कि एसबीआई(SBI) को छोड़कर बाकि सभी बैंकों का प्राइवेटाइजेशन कर देना चाहिए। वहीं, निति आयोग का कहना है कि देश के 6 बड़ें बैंकों का प्राइवेटाइजेशन नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कौन से हैं ये बड़े 6 बैंक। READ ALSO  : सरकार का बड़ा फैसला, नहीं देना होगा कोई भी Income Tax!

6 बैंकों की लिस्ट जारी :

नीति आयोग ने उन बैंकों की लिस्ट को जारी किया है जिनका प्राइवेटाइजेशन( Bank Privatization) नहीं करना है। उसमें एसबीआई(SBI), कैनरा बैंक( Canara Bank), बैंक आफ बड़ौदा( Bank of Baroda), नेशनल बैंक(National Bank), युनियन बैंक और इंडियन बैंक(Union And Indian Bank) शामिल हैं। सरकार की और से आदेश जारी हुए हैं कि इन बैंकों को प्राइवेट नही किया जाना चाहिए। सरकार ने आदेश दिए हैं कि जो भी बैंक कंसोलिडेशन का हिस्सा हैं उनका प्राइवेटाइजेशन नहीं किया जाना है। READ MORE : LOCL : आमजन के लिए बड़ी खुशखबरी, अब पेट्रोल पंप पर मिलेगी ये खास सुविधा

साल 2019 में इतने बैंक हुए मर्ज(So many banks merged in the year 2019) :

आपको बताते चलें, 2019 में 4 बैंकों को आपस में मर्ज कर दिया गया था। उसके बाद पूरे देश में केवल 12 ही बैंक ऐसे हैं जो सरकारी रह गए हैं। पहले ही बात की जाए तो देश में सरकारी बैंक 27 होते थे। वहीं, वित्त मंत्राालय की और से जानकारी दी जा रही है कि अभी किसी भी बैंक के प्राइवेटाइजेशन( Bank Privatization) के बारे में कोई विचार नहीं है। इसलिए आपको किसी भी प्रकार की कोई टेंशन लेने की जरूत नहीं है।