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Bimaru States : कौन से होते हैं 'बीमारू' राज्य, जानें कैसे बदले इन राज्यों के हालात

 
Bimaru States Of India : अगले साल 2024 में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं जिसके लिए पांच राज्यों में तैयारी शुरू कर दी गई है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि बीमारू राज्य कौन से होते हैं। आज हम आपको इनके बारे में बताने जा रहे हैं कि बीमारू राज्य कौन से होते हैं। Dainik Haryana News,Bimaru States In India(नई दिल्ली): चुनाव देश में जोर पकड़ता जा रहा है और कांग्रेज के नेता बता रहे हैं कि बीजेपी फिर से जितने की अपील करते हुए मध्य प्रदेश को बीमारू बना देगी। ऐसे में आपको समझ नहीं आ रहा होगा कि बीमारू आखिर होता क्या है और कैसे इन राज्यों की स्थिति बदलती है। तो चलिए आपके इस सवाल का जवाब हम देने जा रहे हैं। READ ALSO :Pakistan vs Australia: आस्ट्रेलिया की एक और बड़ी जीत

क्यों कहा जाता है बीमारू?(Why is it called Bimaru)

साल 1980 के दशक में आशीष बोस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें देश के 4 बड़े राज्य, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और यूपी को बीमारू राज्य की लिस्ट में शामिल किया था। इन राज्यों का नाम बीमारू इसलिए रखा गया था क्योंकि वहां पर शिक्षा, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल आदि चीजों की कमी पाई गई थी। यहां पर बेरोजगारों और गरीब लोगों को इस बात का ताना दिया जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है क्योंकि इन राज्यों में स्थिति काफी सुधर गई है और रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।

लगातार विकास कर रहा यूपी(UP) :

1980 के मुकाबले अब यूपी की जीएसडीपी 12,600 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जो 1980 के दशक में 15,554 करोड़ थी अब यह बढ़कर 19,74,532 करोड़ तक पहुंच गई है। जो आगे आने वाले समय में 21.9 करोड़ तक जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। यूपी की साक्षरता दर की बात की जाए तो वह 70 प्रतिशत है। इनकम टैक्स भरने के मामले में यूपी दूश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य ऐसा है जो सबसे ज्यादा आइटीआर दाखिल करता है। एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि यूपी देश की इकोनॉमी में टॉप पर है और ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत से ज्यादा है. अगस्त की रिपोर्ट में यूपी राज्य को सबसे ऊपर बताया गया है जहां पर निवेश 16.2 फीसदी है। सबसे लंबा एक्सप्रेसो भी यूपी में ही है और देश की पहली रैपिड रेल भी यूपी में ही चलाई जाएगी। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 240 किलोमीटर लंबा है। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है. READ MORE :Latest News : इस खूबसूरत जगह पर नौकरी लेने का मौका, दो लाख रूपये सैलरी और रहने के लिए घर

बिहार में भी हो रहे सुधार (Bihar):

जीएसडीपी और आय के मामले में बिहार में भी काफी सुधार देखने को मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि बिहार में 10.18 आर्थिक विकास रहा है। प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 54,388 रूपये पहुंच गई है। शीशु मृत्यु दर कम होगर प्रति हजार का अांकड़ा 25.5 पर आ पहुंचा है जो साल 2018 में 48 था। 2011 की जनगणना के अनुसार शहरीकरण का आंकड़ा बढ़कर 11 से 15.3 फीसदी हो गया है। शिक्षा में भी चार फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

कैसे हैं एमपी के हालात(MP)?

पहले के मुकाबले एमपी में भी काफी सुधार देखने को मिले हैं। वहां भी अर्थव्यवस्था में सालाना 6.6 फीसदी की दर से बढ़ी है। एमपी एक ट्रिलियन रूपये और इससे ज्यादा जीएसडीपी वाले राज्यों में चौथे नंबर पर है। यहां की आय बढ़कर 1,40,853 रूपये पहुंच गई है। खनिज उत्पादन भी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ ही दिनों में 15 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। सीएम का कहना है कि प्रदेश में 1.87 लाख सूक्ष्म उद्योगों की शुरूआत हुई है जिसमें 15 लाख लोगों को रोजगार भी मिला है। READ MORE :HKRN : हरियाणा कौशल रोजगार निगम में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में होगी इतनी बढ़ोतरी

जान लें राजस्थान की स्थिति(Rajasthan)?

राजस्थान की बात की जाए तो वहां की अर्थव्यवस्था 14.14 लाख करोड़ रूपये पहुंच गई है। साल 2018 में यह 1,06,604 थी जो अब बढ़कर 1,56, 149 पहुंच गई है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इसे अगले साल सालों में 2.5 गुना करने का लक्ष्य रखा गया है। पूरे देश में राजस्थान सीमेंट के उत्पादन के लिए फेमस है। औद्योगिक क्षेत्र में राजस्थान की हिस्सेदारी करीब 32.5 फीसदी है। सीमेंट के उत्पादन में राजस्थान का तीसरा स्थान है।