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Business Idea : इस खेती ने किसानों को किया मालामाल, हो रही 6 लाख रूपये की कमाई

 New Business Idea : अगर आप भी कम लागत में बिजनेस शुरू करना चाहते हो तो, आज हम आप को एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताएंगे जिसे शरू कर आप हर महीने लाखों कि कमाई का सकते है इस बिजनेस की मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है। आइए जानते है इस बिजनेस के बारे में।
 

Dainik Haryana News,Latest Business Idea(नई दिल्ली): अगर आप भी बिजनेस करने के बारें में सोच रहे है तो आज हम आप को एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताएंगे जिसके शुरू करने अधिक पैसा खर्च नही होगा।  हम बात का रहे है रजनीगंधा के फूलो की खती करके बिजनेस करने के बारे में रजनीगंधा का अपना एक अलग ही महत्वपूर्ण स्थान है। रजनीगंधा के फूल अधिक समय तक सुगंधित और ताजा बने रहते हैं। इस कारण से इनकी मांग बाजार में अधिक होती है रजनीगंधा के फूलो को पूजा में प्रयोग किया जाता है। और इन फूलो की माला भी बनाई जाती है। रजनीगंधा की उत्पत्ति मैक्सिको देश में हुई है। यह फूल एमरिलिडिएसी(flowers amaryllidaceae) कुल का पौधा है।

भरत में रजनीगंधा के फूलो की खेती पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तामिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के कई राज्यों में की जाती है। रजनीगंधा के खेती किसी भी जलवायु में कर सकते हैं। इसकी खेती वही कों। जहा पर निकासी की बेहतर व्यवस्था हो। यदि पानी की निकासी सही व्यवस्था नहीं है तो इसकी कंद सड़ जाएगी।

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हर महीने कितनी होगी कमाई:

अगर आप एक एकड़ में 'रजनीगंधा के फूल'(tuberose flowers) की खेती करते हैं तो रजनीगंधा के फूल की करीब 1 लाख स्टिक (फूल) मिलते हैं। इन्हें आप आस-पास की फूल मंडियों में बेच सकते हैं। अगर नजदीक में कोई बड़ा मंदिर, फूल की दुकानें, शादी घर आदि हों तो वहां से आपको फूल के और अच्छे दाम मिल सकते हैं। रजनीगंधा का एक फूल 1.5 से 8 रुपये तक में बिकता है, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि मांग कितनी है और सप्लाई कितनी हो रही है। यानी आप 1.5 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक की कमाई सिर्फ एक एकड़ में रजनीगंधा के फूलों की खेती से ही कर सकते हैं। इसका उपयोग परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है।
 
जानिये कैसे करें फूलों की खेती:

रजनीगंधा की खेती के लिए आपको गोबर को खेत में डालना होगा। प्रति एकड़ के अनुसार से खेत में गाय के गोबर की 6-8 ट्रोली ड़ालें। उद्देश्य के लिए एनपीके या डीएपी जैसे उर्वरकों का भी उपयोग करें। रजनीगंधा की खेती(tuberose flowers)  उस प्रकार से की जाती है जिस प्रकार से आलू की खेती की जाती है। यानी इसकी खेती  कंदों से की जाती है। एक एकड़ में करीब 20 हजार कंदों की अवश्यकता होती है। रजनीगंधा की खेती करते समय आप केवल बडे कंदों का ही उपयोग करें, नहीं तो रजनीगंधा की खेती सही नहीं होगी। इसकी रोपाई के लिए आप इसमें 30 से 60 ग्राम औा 2 सेंटीमीटर व्यास के कंद डाल दें। 

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इस चीज में किया जाता है रजनीगंधा के फूलो का प्रयो: 

 रजनीगंधा के फूलो का प्रयोग पूजा में किया जाता है। और इन फूलों के साथ में इत्र और तेल भी बनाया जाता है। वास्तु शास्त्र में इसे धन, सुख समृद्धि पाने के लिए बहुत ही शु•ा माना जाता है। रजनीगंधा का पौधा वास्तु के हिसाब से पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए।