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India's First Hydrogen Train : देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन को चलाने में आ रही ये परेशानियां, जानें कब तक पटरियों पर दौड़ेगी ट्रेन

 
Hydrogen Train : केंद्र सरकार भारत में पहली हाइड्रोजन ट्रेन को चलाने के लिए काफी सालों से प्रयास कर रही है लेकिन अभी भी इसे चलाने में कुछ परेशानियों का का सामना करना पड़ रहा है। आइए खबर में जानते हैं कि प्रशासन को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। Dainik Haryana News,Indian Railway(नई दिल्ली): जैसा कि आप जानते हैं देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन को लेकर लोगों में काफी दिनों से उत्साह भरा हुआ है। लेकिन अब लगता है कि कुछ निराशा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि हाइड्रोजन ट्रेन को चलाने में परेशानी हो रही है जिसकी वजह से और भी देरी हो सकती है। कालका-शिमला विश्व धरोहर रेल खंड( Kalka-Shimla World Heritage Railway Section) हर हाइड्रोजन ट्रेन को चलाने के लिए काफी सालों से काम चल रहा था लेकिन दुख की बात ये है कि यह ट्रेन ट्रायल में ही फैल हो गई है। यह पहाड़ियों पर चढ़ने में सक्षम नहीं था. READ ALSO :Haryana Latest News : हरियाणा में 300 से ज्यादा झुग्गियों को किया ध्वस्त, 20 साल से रह रहे थे लोग

रेलवे चाहता है ये :

रेलवे का सपना है कि इस तीन कोच वाली देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन में कम से कम 60 लोगों के बैठने की क्षमता जरूर होनी चाहिए। हालांकि, अभी ट्रायल में ये फैल हो गई है तो कंपनी के लोग इसे ठीक करने में लग गए हैं। 96 किलोमीटर लंबे ट्रेक पर ये ट्रेन पांच घंटे का सफर तीन घंटे में करने वाली थी लेकिन वो असफल रही, इसकी असफलता का कारण पहाड़ों में घुमावदार मोड़ों पर ट्रेन नहीं चढ़ पर रही है। खंड पर 119 घुमाव हैं और तीव्र गति से 48 डिग्री तक घूमती है। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (RDSO) की टीम द्वारा दोबारा ट्रायल किया जाएगा।

हाइड्रोजन ट्रेन में होंगी ये सुविधाएं :

देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन में गर्म हीटर, चार्जिंग प्वाइंट, एसी आदि हर एक चीज की सुविधा दी गई है। नए साल पर एक बार फिर से इसका ट्रोयल किया जाएगा। ड्राइवर केबिन के पास एक आपातकालीन दरवाजा है, जबकि दो स्क्रीन पर आगामी स्टेशन और वर्तमान स्टेशन भी दिखाई देंगे। प्रत्येक सीट के पीछे एक टेबल ट्रे है जिससे पर्यटक यात्रा के दौरान ट्रे में खाना रख सकेंगे। कंपनी ने रेल को अभी तक हैंडओवर नहीं किया है और जो भी तकनीकी खामियां हैं उन्हें दूर करने की कोशिश की जा रही है। READ MORE :Haryana Latest News : ये रही हरियाणा की वैध कालॉनियों को लिस्ट, चेक करें अपने इलाके काम नाम बेंगलुरु स्थित कंपनी ने ही इंजन और डिब्बों का निर्माण किया है। ट्रेन हाइड्रोजन और डीजल से चलेगी. हाइड्रोजन इंजन के उपयोग से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं होता है। केवल जलवाष्प उत्सर्जित होती है। यह हरे आवरण में स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल है।रेल मंत्री ने री-अलाइनमेंट के जरिए स्पीड बढ़ाने की बात कही थी. वर्तमान में कालका और शिमला के बीच ट्रेनों की गति 25 किमी प्रति घंटा है, जबकि रेल मोटर कारों की गति 30 किमी प्रति घंटा है। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) लखनऊ ने स्पीड बढ़ाने के लिए सर्वे भी कराया, लेकिन कर्व विकल्प अभी तक नहीं खोजा जा सका।