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Inflation Rate : सब्जी और खाने की चीजों में आई इतनी गिरावट, आमजन को राहत

 
Inflation Rates : लगातार बढ़ती महंगाई लोगों को परेशान कर रही है। खाने पीने और सब्जियों की कीमतों में चढ़ती महंगाई ने लोगों के किचन से बहुत सी महंगी सब्जियों को गायब ही कर दिया है। इसी बीच राहत की खबर सामने आ रही है कि सब्जियों की कीमतों कमी आई है। आइए खबर में जानते हैं कितनी हुए कीमतें। Dainik Haryana News,Inflation Rate 2023(ब्यूरो): सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। सब्जियों की घटती कीमतों की वजह से अगस्त में मुद्रास्फीति कम होकर 6.83 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, अभी भी यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ज्यादा ही है। जुलाई महीने में महंगाई की बात की जाए तो वह 15 महीने के उच्चस्तर पर थी जो 7.44 प्रतिशत थी। READ ALSO :BMW ने लॉन्च की धाकड़ कार, कीमत जान लेने को दौड़ पड़ेंगे आप राष्ट्रीय  सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति जुलाई के महीने में 11.51 थी जो अब कम होकर 9.94 प्रतिशत रह गई है। वहीं, पिछले साल की बात की जाए तो महंगाई 7 प्रतिशत थी। आरबीआई को महंगाई 4 प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी मिली है।

इन चीजों की कीमतों में आई गिरावट :

सब्जियों की कीमतों की बात की जाए तो 37.4 प्रतिशत से कम होकर 26.14 प्रतिशत हो गई है। तेल और वहां की कीमतें कम होकर 15.28 प्रतिशत हो गए हैं। अंडा, मांस, चीनी, मछली, दारू, फल तैयार भोजन, नमकीन, चिप्स में महंगाई सालाना आधार पर कम रही है। आवास खंड मुद्रास्फीति 4.38 प्रतिशत और र्धन और प्रकाश खंड 4.31 प्रतिशत रही है। खुदरा मुद्रास्फीति में इस समय 0.61 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है, जिसके बाद आमजन को थोड़ी राहत मिली है। अगस्त महीने में महंगाई कम होकर 5.06 प्रतिशत रही जो पिछले महीने 5.12 प्रतिशत थी। READ MORE :Jokes: चाय की चुस्कियां हंसते हंसते लिजिएगा

RBI का लक्ष्य :

आरबीआई(RBI) की और से चालू वित्त वर्ष में महंगाई को 5.4 रखा है, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। पहली तिमाही में इसे 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। खुदरा मुद्रास्फीति जून 2023 में 4.8 प्रतिशत रही थी। April में 7.8 प्रतिशत महंगाई पहुंच गई थी। सब्जियों की कीमतों की बात की जाए तो जुलाई में बढ़कर 7.4 प्रतिशत रह गई थी।