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Loan Defaulter : इतनी किस्त ना भरने पर बैंक कर देता है डिफॉल्टर, क्या आपने भी लिया है बैंक से लोन

 
Bank Loan News : जैसा की आप जानते हैं बैंक अपने ग्राहकों को लोन देता है। इस लोन का भुगतान किस्तों के रूप में करना होता है। लेकिन अगर आप लोन की किस्तों का भुगतान नहीं करते हैं तो बैंक उस ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कितनी ईएमआई ना भरने पर आपको डिफॉल्टर घोषित किया जाता है। Dainik Haryana News,Loan Defaulter (ब्यूरो): जब भी कोई ग्राहक किसी बैंक से लोन लेता है तो उसे उसकी महीने के हिसाब से ईएमआई भरनी होती है। लेकिन कई बार किसी कारण से ग्राहक समय पर लोन की किस्त को नहीं चुका पाता है और कुछ दिन या महीने लेट हो जाता है। ऐसे में बैंक की तरफ से कुछ कानून और नियम होते हैं जिनको फोलो नहीं करने पर ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। जब ग्राहक एक महीने की किस्त को नहीं भरता है तो बैंक उसे नोटिस देता है। READ ALSO :Business Idea:  छोटी सी दुकान से शुरू करें बिजनेस और महीने के 60000 तक कमाओ सभी बैंकों और एनबीएफसी(NBFC) से इस बात की उम्मीद होती है कि वो भुगतान न होने पर उसकी रिपोर्ट सिबिल और इक्विफैक्स जैसे क्रेडिट ब्यूरों को नहीं देनी चाहिए। यह आपके सिबिल स्कोर को गंभीर रूप से कम कर देगा। इससे आपके किसी भी तरह के लोन को भविष्य में लेने के लिए किसी तरह का क्रेडिट लोन नहीं ले सकते हैं। अगर आपके पर्सनल लोन में गारंटर है तो समय पर भुगतान ना होने पर आपके स्कोर पर भी उसका प्रभाव होगा। पैसे की वसूली के प्रयास करने की कड़ी में लोन देने वाले और रिकवरी एजेंट्स के फोन लगातार आते रहते हैं। ऐसे में आपकी परेशानियां और भी बढ़ जाती हैं। लेट फीस, कानूनी लागत और पेनल्टी जेसे खर्च अनसेटल्ड लोन बैलेंस से जुड़ जाते हैं। ऐसे में लोन की राशि काफी ज्यादा हो जाती है।

हो सकती है कानूनी कार्रवाई :

अगर आप लोन की राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में लगातार ही ईएमआई की पेमेंट करती रहनी चाहिए। READ MORE :DeekFake Video: DeepFake पर सरकार ने अपनाया सख्त रवैया जेल जाने के साथ भारी जुर्माना

ऐसे करें समाधान?

1.अगर आप किसी वजह से लोन की पेमेंट नहीं कर पाते हैं और नोटिस दे दिया जाता है तो सबसे पहले आपको डिफॉल्टर का कारण बताना चाहिए। ऐसा करने से आपके डिफॉल्टर होने पर कुछ विचार किया जा सकता है और आपको रीपेमेंट देने का मौका दिया जा सकता है। ऐसे में आप बैंक से सेटलमेंट का अनुरोध भी कर सकते हैं। 2.आरबीआई(RBI) की और से इस बात के लिए बैंकों को आदेश जारी किए जा चुके हैं कि अगर कोई ग्राहक बैंक से लोन लेने पर डिफॉल्टर घाषित कर दिया जाता है। जो भी गारंटर होते हैं तो बैंक उनको पमेंट करने के लिए धमका नहीं सकते हैं। किसी भी तरह से परेशान नहीं कर सकते हैं। सहमति के साथ ही पेमेंट करने के लिए आपको कहना है।