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Loco Pilot Breath Analyzer Test : 5 साल में 995 लोको पायलट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में रहे फेल, चेक करें पूरी डिटेल

 
Breath Analyzer Test : जब भी हम ट्रेन में सफर करते हैं तो बहुत ऐसे नियम होते हैं जिनका पालन करना होता है। ऐसे में जब पायलट ट्रेन को चलाते हैं तो भी बहुत से नियमों का पालन करना होता है और अगर हम नियमों का पालन नहीं करते हैं तो यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है और हादसे भी हो सकते हैं। हर एक पायलट को कू्र एंड गार्ड लॉबी में जाकर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट से होकर गुजरना पड़ता है। इसका मतलब ये होता है कि पायलट शराब पीकर गाड़ी को ना चलाए। Dainik Haryana News,Indian Railway(नई दिल्ली): हाल ही में जो टेस्ट हुए हैं वो पांच साल के आंकड़े बता रहे हैं और इसमें 995 रेल लोको पायलट इस टेस्ट में फेल हुए हैं। उन लोगों ने शराब के नशे में ट्रेन को चलाया है और दिल्ली रेलवे डिवीजन का नंबर पहला रहा है। दिल्ली डिवीजन में 481 लोको पायलट ऐसे हैं जो इस टेस्ट में फेल हो गए हैं, जिसमें 181 और 38 प्रतिशत लोको पायलट ऐसे थे जो पैसेंजर ट्रेनों के थे। इन 471 लोको पायलटों में से 189 तो कैबिन से उतरने के तुरंत बाद टेस्ट में फेल हुए। यानी उन्होंने शराब के नशे में गाड़ी चलाई थी। 104 लोको पयलट गुजरात के इस टेस्ट में फेल हुए हैं और 41 प्रतिशत लोको पायलट पैसेंजर ट्रेन के थे। मुंबई की बात की जाए तो 11 लोको पायलट इस टेस्ट में फेल रहे हैं। जिसमें से 3 पैसेंजर ट्रेन के पायलट थे, ऐसे में बहुत से ऐसे डिवीजन भी हैं जिन्होंने जवाब देने से मना कर दिया है। रेलवे के तीन जोन वेर्स्टन, नॉर्दन रेलवे और वेस्ट सेंट्रल रेलवे जोन के बारे में हैं। रेलवे नियमित तौर पर यह ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करता है। लोको पायलट को शराब पीकर गाड़ी चलाने से रोका जा सके। READ ALSO :Ind vs Aus Second T20: पहले टी 20 को जीत कंगारूओं के घमंड को किया चुर चुर, आज दुसरे की बारी

ये पायलट रहे टेस्ट में फेल :

गौरतलब है, इस टेस्ट में 995 लोको पायलट फेल रहे हैं। वेस्टर्न रेलवे में पिछले साल 273 लोको पायलट, जिसमें से 82 प्रतिशत पैसेंजर ट्रेन के पायलट थे। रतलाम डिवीजन में 158 मामले सामने आए जिनमें से 32 लोको पायलट का ताल्लुक पैसेंजर ट्रेन से था। वेस्टर्न रेलवे ने नहीं बताया है कि लोको पायलट ड्यूटी पर जाने से पहले टेस्ट में फेल रहे हैं।

जनवरी 2020 से सितंबर 2023 के आंकड़े :

अहमदाबाद में 44, राजकोट में 15, वडोदरा में 37, भावनगर में 8 मामले सामने आए हैं। नॉर्दन रेलवे के दिल्ली डिवीजन ने बताया है कि 5 साल में पैसेंजर ट्रेन के 181 लोको और 290 मालगाड़ी क पायलट हैं।इनमें से 75 पैसेंजर ट्रेन पायलट और 114 गुड्स ट्रेन पायलट शिफ्ट खत्म होने पर इस टेस्ट में नाकाम पाए गए। मुरादाबाद दूसरे नंबर पर रहा। इस डिवीजन में 138 मामले सामने आए। इनमें से 108 तो शिफ्ट पूरी होने के बाद पकड़े गए। लखनऊ डिवीजन में 17 मामले सामने आए। वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे में कोटा डिवीजन में 40 लोको पायलट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में नाकाम रहे। इनमें से एक चौथाई तो शिफ्ट पूरी होने के बाद पकड़े गए। READ MORE :Free Gas Connection : अब इन लोगों को भी सरकार दे रही फ्री गैस कनेक्शन वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे के पीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने कहा कि शराब पीकर पकड़े गए लोको पायलट के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इस बारे में 2012 में रेल मंत्रालय ने सभी चीफ सेफ्टी ऑफिसर्स को एक सर्कुलर भेजा था। इसके मुताबिक अगर किसी लोको पायलट में अल्कोहल का लेवल एक से 20 एमजी/100 मिली पाया जाता है तो उसे ड्यूटी से हटा दिया जाना चाहिए और इसे उसके सर्विस रेकॉर्ड में मार्क किया जाना चाहिए। जिनमें इसका लेवल 20 एमजी/100 मिली से ज्यादा पाया जाता है तो उसे सर्विस से हटाया दिया जाना चाहिए।