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Privatization : बिकने जा रही दो और बड़ी सरकारी कंपनियां! आज से प्रक्रिया शुरू

 
RVNL Privatization : केंद्र सरकार लगातार प्राइवेटाइजेशन की और बढ़ रही है। बहुत सी कंपनी ऐसी हैं जिनको सरकारी से प्राइवेट कर दिया गया है। सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसमें बताया जा रहा है कि दो सरकारी कंपनियों को प्राइवेट किया जा रहा है। आइए जानते हैं कौन सी हैं दो बड़ी कंपनी। जानने के लिए हमें फोलो करें। Dainik Haryana News,RVNL,BEML Privatization(New Delhi): केंद्र सरकार लगातार कंपनियों को प्राइवेट करने में लगी हुई है। पहले भी कई कंपनियां ऐसी हैं जिनको प्राइवेट किया जा चुका है। बैंकों को भी प्राइवेट करने के लिए कई बार बैठक हो चुकी है। ऐसे में जानकारी मिल रही है कि दो और सरकार कंपनियों को प्राइवेट किया जा रहा है। जिसमें रेल निगम लिमिटेड को शामिल किया गया है। यह अपना 5.36 प्रतिशत हिस्सा बेचने जा रही है जिसके बाद सरकार को 1,329.90 करोड़ रूपये मिलेंगे। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ट्विट किया है कि आरवीएनएल में गैर खुदरा निवेशकों के लिए बिक्री की प्रक्रिया आज से शुरू होने जा रही है।

शुक्रवार को लगेगी बोली :

READ ALSO :Vaastu Shaastra: वास्तु के अनुसार घर के बाहर रखी ये चीजें बना देती हैं कंगाल कंपनी के लिए निवेशक शुक्रवार यानी कल के दिन बोली लगाएंगे। सबसे पहले 5.36 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाएगा और अगर बोली ज्यादा लगती है तो 1.96 प्रतिशत हिस्से को भी बिक्री के लिए शामिल किया जाएगा। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि प्रस्तावित बिक्री पेशकश में आरवीएनएल (RVNL) के 70,890,683 इक्विटी शेयर शामिल हैं. जो 3.40 प्रतिशत के बराबर हैं और इसमें 40,866,394 अतिरिक्त शेश्र भी शामिल हैं।

1,330 करोड़ रूपये की बिक सकती है कंपनी :

कंपनी का कहना है कि 11.17 करोड़ शेयर की पेशकश की जाएगी जिसमें 119 रूपये प्रति शेयर की कीमत रखी जाएगी। अगर कंपनी की ये हिस्सेदारी बिकती है तो सरकार को 1,329.90 करोड़ र रूपये मिलेंगे। READ MORE :Labor family got gold worth 7 crores: मजदूर परिवार को मिला 7 करोड़ का सोना, लेकिन ना मिलने की मांग रहे दुआ

कौन सी होगी दूसरी कंपनी :

दूसरी कंपनी की बात की जाए तो बीईएमएल(BEML) कंपनी को भी केंद्र सरकार प्राइवेट करने का प्लान बना रही है। इसके लिए राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली है जिसके कारण काम में रूकावट आई हुई है। रिपोर्ट से पता चला है कि सरकार कंपनी की 26 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने पर विचार कर रही है। इस समय की बात की जाए तो सरकार के पास इस कंपनी की 54 प्रतिशत हिस्सेदारी है इसके शेयर की कीमत 232.5 मिलियन डॉलर है यानी 1900 करोड़ रूपये है। साल 2024 में 510 बिलियन डॉलर की रकम जुटाने में कंपनी को मजबूति मिलेगी। राज्य सरकार की जमीन के ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी के प्राइवेटाइजेशन का काम शुरू कर दिया जाएगा।