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RBI News : पर्सनल लोन से जुड़े नियमों में बदलाव, जान लें ग्राहक

 
Personal Loan : बैंकों की और से बहुत से लोन दिए जाते हैं जिनमें से पर्सनल लोन अहम होता है। बहुत से लोग होते हैं जो अपने पर्सनल कामों के लिए लोन लेते हैं। लेकिन बैंक से लोन लेने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। आरबीआई की तरफ से पर्सनल लोन के नियमों मे बदलाव किया गया है। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में। Dainik Haryana News,RBI Rules For Personal Loan(New Delhi): आरबीआई(RBI) की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है जिसमें असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल लोन को लेकर कुछ नियमों में बदलाव किए गए हैं। रिस्क वेटेज में बैंक ने 25 फीसदी का इजाफा किया है हालांकि, ये नियम कुछ ग्राहकों पर लागू नहीं होंगे। इनमें होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन को शामिल किया गया है। इन लोन पर नियम लागू नहीं होंगे। इसके अलावा अगर सोने के गहने के एवज में दिए गए कर्ज पर भी लागू नहीं होगा और इन कर्जों पर 10 प्रतिशत रिस्क वेटेज लागू होगा। READ ALSO :Aaj Ka Rashifal : कैसा रहेगा आज आपका दिन?

जानें पर्सनल लोन के नियम?

पर्सनल लोन को असुरक्षित लोन माना जाता है और सभी बैंकों में इसके लिए अलग नियम होते हैं। हाई रिस्क वेटेज बैंको की कर्ज देने की क्षमता को सीमित करता है।

आरबीआई के गवर्नर ने दी जानकारी :

आरबाआई के गवर्नर शक्तिकांत दास( RBI Governor Shaktikanta Das) ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि हाल ही में कंज्यूमर लोन की कैटगिरी में कुछ लोन में ज्यादा वृद्धि की बात कही थी। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अपनी आंतरिक निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने, बढ़ते जोखिमों से निपटने के लिए अपने हित में उपयुक्त सुरक्षा कदम की सलाह दी है। जुलाई और अगस्त में बैंकों और बड़े एनबीएफसी के प्रबंध निदेशकों का कार्यपालक अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान उपभोक्ता कर्ज में उच्च वृद्धि और बैंक उधार पर एनबीएफसी की बढ़ती निर्भरता का भी जिक्र हुआ है। READ MORE :Road Accident In Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर में बड़ा हादसा, 37 लोगों की मौत

बैंक ने दी जानकारी :

आरबीआई की और से जानकारी दी जा रही है कि समीक्षा के आधार पर व्यक्तिगत कर्ज सहित वाणिज्कि बैंकों के उपभोक्ताओं कर्ज के मामले में जोखिम संबंध में जोखिम भार को बढ़ाने का फैसला लिया है। जोखिम भार को 25 प्रतिशत बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है इसके अलावा शिक्षा कर्ज, सोना, आवास कर्ज, वाहन कर्ज आदि को शामिल नहीं किया गया है।