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Scheme For Kisan : इस सब्जी की खेती करने वाले किसानों को सरकार ने दी ये खास सुविधा, आप भी जानें

 
Agriculture News : कंपनी ने जानकारी दी है कि उत्तर भाग में जमीन में ज्यादा ठंड होने के कारण लोगों को नुकसान हो रहे हैं क्योंकि वहां पर आलू की खेती नहीं हो पाती है। कंपनी ने कहा है कि इस मोडल से किसानों को 10 दिन पहले ही ये पता लग जाएगा कि कौन सी बीमारी आने जा रही है और आप 10 दिन में उसकी रोकथाम भी कर सकते हें।   Dainik Haryana News : Kisan News : अगर आप भी एक किसान हैं और खेती करते हैं तो ये खबर आपके काम की होने जा रही है। आपने देखा होगा के किसान भी अब वैज्ञानिक खेती को करने लगा है और वो हर साल नए तरीके से खेती को करता है। कई किसान ऐसे हैं जो फसल को उगाते हैं जैसे गेहूं, बाजरा, धान, मक्का, जवार आदि।   कई किसान ऐसे भी हैं जो सब्जी की फसल को उगाते हैं उन्हीं में से एक है आलू की खेती जो हर घर में इस्तेमाल होता है। सरकार की और से आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है जो आपको खुश कर देगी। आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।   READ ALSO :7th Pay Commission : कर्मचारियों की सैलरी में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी! 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार ने कही ये बात  आलू की खेती करने वाले किसानों को पेप्सिको इंडिया ने किसानों को आलू की खेती को बेहतर तरीके से करने के लिए एक मोडल को तैयार किया है। जो खेती की देखरेख करेगा और यह बताएगा के आपकी खेती सही तरीके से हो रही है या नहीं।     ये मोडल आपकी खेती की क्रोपिंन में भी मदद करेगा,इसके तहत आप ये पता लगा सकते हैं कि आपकी फसल विशिष्ट फसलों के अनुरूप है या नहीं। आलू की खेती में ब्लाइट रोग आता है। कंपनी का कहना है कि अगर जल्द से जल्द अनुमान नहीं लगाए गए तो ये रोग आलू की खेती को 80 फीसदी तक खराब कर देगा और किसानों को नुकसान हो सकता है।   READ MORE : Haryana News: हरियाणा सरकार अवैध कॉलोनियों को लेकर एकशन में,केवल इन कॉलोनियों वालों को राहत   कंपनी ने जानकारी दी है कि उत्तर भाग में जमीन में ज्यादा ठंड होने के कारण लोगों को नुकसान हो रहे हैं क्योंकि वहां पर आलू की खेती नहीं हो पाती है। कंपनी ने कहा है कि इस मोडल से किसानों को 10 दिन पहले ही ये पता लग जाएगा कि कौन सी बीमारी आने जा रही है और आप 10 दिन में उसकी रोकथाम भी कर सकते हें।   इससे आप फसल को अच्छी तरह से जांच सकते हैं और अपने नुकसान को भी बचा सकते हैं। पेप्सिको आज के समय में देश के 27 हजार किसानों के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है। 14 क्षेत्रिय भाषाओं को इस योजना को वो पेश करती है।