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Live-in Relationship : लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए हाई कोर्ट ने कही ये बात

 
Allahabad High Court : आज के इस दौर में लड़का- लड़की लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं। कई परिवार ऐसे होते हैं तो जो इसे मान लेते हैं लेकिन कई परिवार ऐसे भी हैं जो इसे नहीं मानते हैं। लिव-इन रिलेशनशिप वालों के लिए हाई कोर्ट ने बात कही है जिसके बारे में लम आपको बताने जा रहे हैं। बने रहें अंत तक हमारे साथ। Dainik Haryana News,Live-in Relationship Update(नई दिल्ली): इलाहाबाद हाई कोर्ट में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी करी है। लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे धार्मिक अंतर प्रेमी जोड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को मंजूरी जरूर दी है लेकिन फिर भी लिव-इन रिलेशनशिप के रिश्ते नाजुक और अस्थाई होते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़के ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही युवती की रक्षा दिए जाने की अर्जी को खारिज कर दिया है। READ ALSO :Business Idea: कमाल का बिजनेस कम लागत मुनाफा ज्यादा आज ही शुरू करें हाई कोर्ट नें 22 साल की उम्र में दो महीने से रह रहे रिश्ते को मैच्योरिटी से नहीं लिया है। हाई कोर्ट ने राधिका नाम की महिला साहिल नाम के लड़के के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी। उसके बाद राधिका के परिवार वालों ने लड़के और उसके परिवार के खिलाफ उनकी बेटी को अगवा करने का आरोप लगाया है। ऐसे में परिवार वालों का कहना है कि उनकी बेटी को जान का भी खतरा है। लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे दोनों प्रेमियों ने याचिका को खारिज करने की मांग करी है। दोनों का कहना है कि हम दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। इसलिए हमारे शांतिपूर्ण जीवन में किसी को भी दखल देने की जरूरत नहीं है। हाई कोर्ट का भी कहना है कि केवल दो महीने के ही लिव-इन रिलेशनशिप को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता है। READ MORE :Haryana Today News : हरियाणा के 17 गांवों के बदले गए नाम, चेक करें अपने गांव का नाम