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Second Taj Mahal : बेटे ने मां की याद में बनवाया दूसरा ताजमहल, जानें कहा बनी ये खूबसूरत इमारत

 
Viral News : साल 1989 में अमरूद्दीन के पिता की मौत हो जाती है। उनकी मां बीमारी के कारण राम को प्यारी हुई। इस शख्स का नाम अमरूद्दीन है। उनकी मां अपने बच्चे के लिए करोड़ों रूपये छोड़कर गई थी लेकिन जो भी पैसा था उस लड़के ने एक भी पैसा नहीं लिया और उस पैसे से उसकी मां की याद में दूसरा ताजमहल बनवा दिया। Dainik Haryaan News :# Big Breaking (नई दिल्ली) : जैसा की आप जानते हैं मुगल बादशाह शाहजहां ने आगरा में अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया है। इस मोहबत की निशानी हो देखने के लिए लोग विदेशों से भी यहां आते हैं। माना जाता है कि ताजमहल बनने के बाद काफी सारे और भी लोगों ने अपने प्यार के लिए ऐसी इमारत बनवाई है। लेकिन एक सुचना सामने आ रही है कि करोड़ों रूपये खर्च करके एक और ताजमहल के जैसी इमारत बनाई गई है। लेकिन कमाल की बात ये है कि ये इमारत किसी पत्नी के लिए नहीं एक मां के लिए बनाई गई है। उस मां के बेटे का कहना है कि मेरी मां मेरे लिए सबकुछ थी। ये कहानी तमिलनाडु के एक व्यक्ति की है जिसने अपनी इस खूबसूरत इमारत की सोशल मीडिया पर वायरल की है। इसकी तस्वीर को देखकर लोग इसे दूसरा ताजमहल भी कह रहे हैं। साल 2020 में इसकी मां का निधन हो गया था उनकी मां का नाम जेलानी बीबी था। READ ALSO : Haryanvi Chutkule: हंसी मखोल के बड़े ही मजेदार चुटकुले साल 1989 में अमरूद्दीन के पिता की मौत हो जाती है। उनकी मां बीमारी के कारण राम को प्यारी हुई। इस शख्स का नाम अमरूद्दीन है। उनकी मां अपने बच्चे के लिए करोड़ों रूपये छोड़कर गई थी लेकिन जो भी पैसा था उस लड़के ने एक भी पैसा नहीं लिया और उस पैसे से उसकी मां की याद में दूसरा ताजमहल बनवा दिया। जब उनकी मां का निधन हुआ उनके पिता की आयु सिर्फ 30 साल की ही थी। उसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी नहीं करी और अपने बेटे के साथ रहने का ही फैसला किया।

6 करोड़ रूपये की राशि छोड़कर गई मां :

निधन के बाद अपनी मां को अमरूद्दीन को जिस जगह पर दफनाया था उसी जगह पर उन्होंने अपनी मां की याद में ताजमहल को बनवाया है। इस इमारत को बनवाने में लागत की बात की जाएत तो 5 करोड़ रूपये इसकी लागत आई है। READ MORE : Haryana Government : पुराने घरों की मरम्मत करवाने के लिए हरियाणा सरकार दे रही इतने पैसे, आप भी ले सकते हैं योजना का लाभ

2 साल में बनकर तैयार हुई इमारत :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस इमातर को 200 मजदूरों ने लगकर 2 साल में बनाकर तैयार करवाया है। इसे 8 हजार वर्ग फुट की भूमि पर बनाया है। खास बात ये है कि इस इमारत में बच्चों के लिए मदरसे के लिए जगह बनाई है और मुसलमानों के लिए नमाज पढ़ने के लिए भी जगह बनाई गई है। उनके परिवार का कहना है कि उनकी मां के लिए बनवाई गई इस इमारत में कुछ ही दिनों में वहां पर खाने पीने की भी पूरी व्यवस्था की जाएगी। इस इमारत में कोई भी जाति का व्यक्ति आ सकता है।