Custodial Rape : 5 साल में 275 रेप के मामले दर्ज, ये राज्य सबसे आगे
How Many Cases of Custodial Rape in 5 years : दरींदगी बढ़ती जा रही है और लगातार रेप के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में आंकड़े जारी किए गए हैं जिसमें एक राज्य का नाम सबसे आगे आया है। आइए खबर में जानते हैं कौन से राज्य में सबसे ज्यादा रेप होते हैं। जानने के लिए बने रहें हमारे साथ।
Dainik Haryana News,National Crime Records Bureau(ब्यूरो): राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने इंडिया की रिर्पाट को जारी किया है जिसमें रेप के आंकड़ों को जारी किया गया है। ये आंकड़े 5 साल के जारी किए हैं जो साल 2017 से लेकर 2022 तक के बीच 270 मामले हिरासत में लिए हैं। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने ऐसे मामलों के प्रति निराशा जताई है और कानून प्रवर्तन प्रणालियों के अंदर संवेदनशीलता व जवाबदेही की कमी को भी जिम्मेदार ठहराया है।
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2022 में ऐसे 24 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 26, 2020 में 29, 2019 में 47, 2018 में 60 और 2017 में 89 मामले दर्ज किए गए. इन रेप केस के अपराधियों में पुलिस कर्मी, सशस्त्र बल के सदस्य, लोक सेवक, रिमांड होम, जेलों व अस्पतालें के कमचरियों को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले पांच सालों में इन मामलों में कमी आई है। हिरासत में बलात्कार के मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) के तहत दर्ज किए जाते हैं. यह पुलिस अधिकारियों, जेलर व किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए रेप के अपराध से संबंधित है।
जिसके पास एक महिला की कानूनी हिरासत है यह धारा विशेष रूप से उन मामलों से संबंधित है जहां पर अपराध या हिरासत की स्थिति का लाभ उठाता है। पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया(Population Foundation of India) की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा, ह्लहिरासत व्यवस्था दुर्व्यवहार के लिए ऐसे अवसर प्रदान करती.
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जहां सरकारी कर्मचारी अक्सर अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके रेप करते हैं ऐसे कई उदाहरण हैं जहां पर महिलाओं को उनके संरक्षण व कमजोरी स्थिती जैसे तस्क्री घरेलू हिंसा की वजह से लिया गया है और उनके साथ रेप किया गया है। पुलिस स्टेशनों में हिरासत में बलात्कार एक आम बात है. सोशल एक्टिविस्ट पल्लबी घोष ने पुलिस अधिकारियों पर रेप का आरोप लगाने वाली पीडिताओं की परेशानियां साझा की है।