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Accident in Uttarkashi : उत्तरकाशी में बड़ा हादसा, टनल में फंसे इतने मजदूर

 
Uttarakhand News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल निर्माण के दौरान बड़ा हादसा हो गया है, टनल धंसने की वजह से काफी मजदूर उसमें फंस चुके हैं, जिन्हें निकालने के लिए कोशिश की जा रही है। आइए खबर में जानते हैं पूरी जानकारी। Dainik Haryana News,Uttarakhand Latest News(नई दिल्ली): ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा तड़के अचानक टूट गया जिससे उसमें काम कर रहे 40 मजदूर अंदर ही रह गए हैं। उनको बाहर निकालने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। रविवार की सुबह को ही ये हादसा हुआ है और अब तक 60 मीटर मलबे को काट दिया गया है बाकि 35 मीटर के करीब मलबा रह गया है जिसे जल्द ही काट दिया जाएगा। सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम कामों में जुटी हुई है। READ ALSO :Vande Bharat Train : शुरू हुई देश की सबसे लंबे रूट की वंदे भारत ट्रेन, जानें कितना होगा किराया

पाइप के जरिए भेजी जा रही ऑक्सिजन :

मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सिजन भेजी जा रही है। वॉकी टॉकी के जरिए मजदूरों से बातचीत की जा रही है और लगातार संपर्क किए जा रहे हैं। इसी पाइप लाइन के जरिए कंपे्रसर के जरिए मजदूरों को चने के पैकेट भी भेजे गए हैं। टनल में फंसे लोगों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा उत्तराखंड के हैं जिसमें से 4 बिहार, 2 उत्तराखंड के, 3 बंगाल के, 5 झारखंड के, 5 उड़ीशा के, 2 असम और हिमाचल प्रदेश के भी शामिल हैं। ये टनल चार धाम की आल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है। मजदूरों को बचाने के लिए 160 लोग बचाव कार्य कर रहे हैं। इस बात के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी देते हुए बताया है कि विभाग में कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है और बचाव कार्य को जल्दी करने की बात कही गई है। उनका कहना है कि मैं दुआ करूंगा कि अंदर फंसे कर्मचारी सुरक्षित हों। READ MORE :Kisan News : किसान इस योजना में 15 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन, हरियाणा सरकार दे रही इतने पैसे इस टनल के बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर तक कम हो जाएगा। इस टनल की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। इस टनल को बनाने के लिए 853 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इस टनल को साल 2023 में पूरा करना था लेकिन कामों में देरी होने की वजह से इसे साल 2024 में पूरा किया जाएगा।