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Commando Training: कैसे बनता है एक कमांडो, किन किन मुश्किलों से गुजरना पड़ता है

 
Para SF Commando : कमांडो एक ऐसा नाम जिसको सुनते ही शरीर में ऊर्जा का संचार होने लगात है। देश की आन बान शान है कमांडो कहीं भी कठिन मिशन यां सर्जिकल स्ट्राइक करनी तो हो नात आता है कमांडो। लेकिन एक कमांडो बनता कैसे है, आज हम इसी पर चर्चा करने वाले हैं। Dainik Haryana News: Indian Para Commando(चंडीगढ़): कमांडो बनना इतना आसान काम नहीं है। इसके के लिए गुजरना पड़ता है कड़ी ट्रैनिंग (Commando Training)से। वैसे तो इंडियप आर्मी के सामने किसी का भी टिक पाना बड़ा ही मुश्किल काम है। जो जवान सेना में भर्ती होते हैं, उनही में से कुछ जवानों का चुनाव किया जाता है। यहीं से निकलकर आता है एक कमांडो। कमांडो जो एक बार पलक झपकते ही दुश्मन को मौत की नींद सुलाने में माहिर होते है। इसके पिछे होती है उनकी कड़ी ट्रैनिंग(Commando Training)। Read Also: October Movies Box: अक्टूबर लेकर आने वाल है फिल्मों का पिटारा, आने वाली हैं 7 बड़ी फिल्में

कब हुआ था पैरा SF का गठन

पैरा कमांडों को 1965 की लड़ाई के बाद शामिल किया गया था। इनकी टैनिंग इतनी खतरनाक होती है कि इनको अगर कहीं भी छोड़ दिया जाए तो ये अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाते हैं। कई दिनों तक की भूख प्यास, कई दिनों तक बिना बोले ही एक ही जगह पर जड़ हो जाना, 11 हजार 40 हजार फिट की ऊंचाई से जंप लगाना, हर मुश्किल का सामना करने के लिए इन कमांडो को टैनिंग (Commando Training)दी जाती है। लेकिन जितनी आसानी से हम इसकी टैनिंग के बारे में बात कर रहे हैं, उतना आसान नहीं होती ये ट्रैनिंग। हर मुश्किल से मुश्किल स्थिति पर काबू पाने के लिए बना होता है कमांडो। Read Also: Jio Open Signal: भारत में होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप स्टेडियमों में, जियो की डाउनलोड स्पीड में दोगुना तेज- ओपन सिग्नल हर प्रकार की समस्या से निपटने के लिए एक कमांडो को पहले ही टैनिंग दी जाती है। 2016 मे हुई सर्जिकल स्ट्राइक (2016 surgical strike)के बाद से पैरा कमांडो चर्चा में आया था, जब देश के जवानों की मौत का बदला लेने के लिए कमांडो फोर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।