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Free Ration Yojana : अब सिर्फ इन्हीं लोगों को 1 साल तक मिलेगा फ्री राशन, चेक करें अपना नाम

 
PMGKAY : फ्री राशन योजना जिसे साल 2020 में कोरोना काल के दौरान चलाया गया था। इस योजना के तहत गरीब लोगों को फ्री में गेहूं और चावल दिए जाते हैं। हाल ही में सरकार की और से जानकारी मिल रही है कि कुछ लोगों को एक साल तक और फ्री में राशन दिया जाएगा। आइए जानते हैं किन लोगों को किया गया है शामिल। Dainik Haryana News, Gareeb Kalyaan Yojana (New Delhi): गरीब कल्याण योजना( Gareeb Kalyaan Yojana ) के तहत 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन दिया जा रहा है। पिछले दिनों दुर्ग में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुुए पीएम मोदी जी ने घोषणा करी है कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत मिलने वाले राशन की अवधि को अगले पांच सालों तक बढ़ा दिया गया है। अगले साल देश के पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। READ ALSO :Uttarkashi Tunnel Rescue Live : टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अपनाया जाएगा ये तरीका खाद्य मंत्रालय की और से कहा गया है कि जनवरी 2023 से शुरू होने वाले एक साल की अवधि के लिए योजना के तहत अंत्योदय अन्न योजना परिवारों और प्राथतिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों को फ्री में राशन दिया जा रहा है। पिछले साल ही सरकार ने पीएमजीकेएवाई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम( National Food Security Act) के साथ मिलकर ये फैसला लिया था कि अगले पूरे साल तक लोगों को फ्री में राशन दिया जाएगा।

इतना मिलता है राशन :

एनएफएसए के तहत 75 फीसदी गांव और 50 फीसदी आबादी गांव को दो श्रेणियों में बांटा गया है। अंत्योदया अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों को कवर किया जाएगा। इसके अलावा जो परिवार गरीब रेखा से नीचे आते हैं उनको 35 किलोग्राम अनाज दिया जाता है। प्राथमिकता परिवारों को पांच किलो गेहूं और चावल दिए जाते हैं। READ MORE :Indian Railway : हमसफर ट्रेन में लगी भीषण आग, वजह आई सामने मंत्रालय की और से कहा जा रहा है कि गरीब लोगों का आर्थिक सहायता देने के लिए एनएफएसए की राष्ट्रव्यापी एकरूपता और प्रभावी सुनिश्चित करने के लिए फ्री में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। गरीबों के लिए खाद्यान की पहुंच, खरीद और उपलब्धता के संदर्भ में एनएफएसए के प्रावधानों को करने के लिए निर्णय लिया गया था। मंत्रालय की और से कहा गया है कि यह कदम एनएफएसए (एक राष्ट्र-एक मूल्य-एक राशन) के प्रभावी और समान कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।