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International News: इस देश में अपने आप को घरों में बंद कर रहे लोग,15 लाख तक पहुंची संख्या

 
Latest Update: कोरोना महामारी के समय लोग घर में ही रहने लगे। लेकिन करोना काल खत्म होने के बाद भी एक देश में घर में रहने वाली समस्या नें बड़ा रूप ले लिया। जापान के लगभग 15 लाख लोग अपने आप को घरों में बंद कर रहे हैं। वो लोग बस घर में ही रहना पसंद करते हैं तथा बाहरी समाज से बात करना पसंद नहीं करते।   Dainik Haryana News: Japan Update: जापान में यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। जिसे ये लोग हिकिकोमोरी ( Hikikomori) कहते हैं। जापान में इस बीमारी के लगभग 15 लाख लोग शिकार हैं। जो काम काज करने की उम्र के लोग हैं। जापान की सरकार के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।   बताया जा रहा है कि जापान में हिकिकोमोरी( Hikikomori) के बढ़ने का कारण है। युवाओं पर पढ़ाई तथा अच्छी नौकरी पाने का दबाव। जिसके कारण युवा अपने आप को घरों की चार दिवारी में बंद कर रहे हैं। Read Also: IAS Success Story: एक साथ पास की देश की 2 सबसे कठिन परीक्षा, जानें सफलता की कहानी इस समस्या से पिडीत लोगों को अपने आप इससे बाहर आना होगा तथा परिवार को इसमें उनकी सहायता करनी होगी। ज्यादा दबाव के कारण युवा ऐसा फैसला ले लेते हैं। ऐसा ही जापान में हो रहा है।

क्या है हिकिकोमोरी(What is Hikikomori)

जापान में इसे चिंता तनाव टेंशन से जोड़ा जाता है। 1990 के दशक में जिन लोगो ने बाहरी समाज से अपना कनेक्शन काट दिया था। जापान में उन्हें हिकिकोमोरी ( Hikikomori) का नाम दे दिया गया। सही मायने में बात करें तो जो लोग अपने आप को 6 महिने से ज्यादा बाहरी दुनिया से अपना संपर्क काट देते हैं। Read Also: Tata Motors: साल 2023 के पहले 3 महीने मार्केट में टाटा मोटर्स का बोलबाला रहा, बेची इतनी गाड़ियां? उसे हिकिकोमोरी( Hikikomori) कहा जाने लगा। जापान सरकार के लिए हिकिकोमोरी की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनता जा रहा है। हिकिकोमोरी( Hikikomori) को चिंता, तनाव, दबाव, गरहकलेश से जोड़ा जाता है। जापान में इससे ग्रसित 15 से 62 साल की उम्र के 2% लोग तथा 10 से 69 साल की उम्र के 30 हजार लोग हैं। एक किए गए सर्वे में ये आंकड़े सामने आए हैं।