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Israel-Hamas War : वियतनाम के बाद इजरायल ने मचा दी तबाही, मौत का आंकड़ा पहुंचा इतने हजार

 
Israel-Hamas War Update : 7 अक्टूबर से शुरू हुए युद्ध को 75 दिनों से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि वियतनाम के बाद इजरायल ने सबसे बड़ी तबाही मचा दी है, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। Dainik Haryana News,Israel-Hamas War Latest Update (चंडीगढ़): इजरायल की सेना की तरफ से गाजा में की जा रही हवाई और जमीनी फायरिंग से धड़ाधड़ मौत हो रही हैं। इजरायल ने गाजा पर 2 हजार पाउंड के सैकड़ों बम गिराए हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें, 50 साल बाद पहली बार इन बमों का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि वियतनाम में ही इनका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, मौतों के मामले में भी ये जंग भयावह साबित हुई है, इतनी संख्या में हाल के सालों में किसी लड़ाई में मौतें नहीं हुई हैं। सीएनएन और आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस कंपनी सिंथेटिक से साथ मिलकर गाजा युद्ध पर एक रिपोर्ट तैयार की है। READ ALSO :Today Haryana Weather: आज रात से ही बदलेगा मौसम, कई जिलों में बूंदाबांदी के आसार गाजा में युद्ध के पहले महीने में ही इजरायल ने ऐसे बहुत से बंमों को गिराया था जिसके बाद भारी तबाही मची थी। कई 1,000 फीट से ज्यादा की दूरी तक लोगों को मारने में सक्षम थे। युद्ध के शुरुआती दिनों की सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि 40 फीट की माप वाले के 500 से अधिक गड्ढे हैं, जो 2,000 पाउंड के बमों की वजह से बने हैं। ये इराक के मोसुल में युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा आईएसआईएस पर गिराए गए सबसे बड़े बमों से चार गुना ज्यादा खतरनाक हैं। अमेरिका ने आईएसआईएस के खिलाफ अपनी लड़ाई के दौरान केवल एक बार 2,000 पाउंड का बम गिराया। यह सीरिया में तथाकथित खलीफा की स्वघोषित राजधानी रक्का पर गिरा।

गाजा में हो रही तबाही :

अमेरिका ने भी 7 अक्टूबर के बाद इजरायल को 5,400 से अधिक एमके-84 दिए हैं। सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, हमले के बाद छोड़े गए दो गड्ढे 79 फीट और 43 फीट चौड़े थे। सीएनएन ने एक वीडियो में ये भी पाया कि 2,000 पाउंड के हमले में कई इमारतें जमींदोज होती दिख रही हैं। जो इनकी भयावहता को दिखता है। हमास एक विशाल सुरंग नेटवर्क पर निर्भर है। गाजा में इजरायल का तर्क है कि भारी हथियार बंकर बस्टर के रूप में कार्य करते हैं, जिससे हमास के भूमिगत बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में मदद मिलती है।

बहुत कम बमों का होता है इस्तेमाल :

2 हजार पाउंड बमों का इस्तेमाल बहुत ही कम होता है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उन इलाकें पर पड़ा है जहां पर आबादी सबसे ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून भी इस तरह की अंधाधुंध बमबारी पर रोक लगाता है। पूर्व अमेरिकी रक्षा खुफिया विश्लेषक और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व युद्ध अपराध जांचकर्ता मार्क गार्लास्को का कहना है कि गाजा में इजरायल के बमबारी के पहले महीने जिस तरह की बमबारी हुई, वो वियतनाम युद्ध के बाद कभी नहीं देखी गई थी। गार्लास्को ने कहा, गाजा में बमबारी की तुलना करने के लिए आपको वियतनाम युद्ध पर वापस जाना होगा। यहां तक कि दोनों इराक युद्धों में भी यह इतने बड़े स्तर पर बमबारी नहीं हुई। READ MORE :Success Story : Income Tax  रेड की स्पेशलिस्ट महिला आफसर की देखे फोटो सीएनएन(CNN ) ने अमेरिकी एआई कंपनी सिंथेटिक ने गाजा पट्टी पर उपग्रह इमेजरी में गड्ढों, धुएं के गुबार और क्षतिग्रस्त इमारतों का पता लगाने के लिए रैपिड स्वचालित छवि वर्गीकरण ( RAIC) का उपयोग किया। सैटेलाइट इमेजरी और वीडियो दिखाता है कि इजरायल के सैन्य ऑपरेशन ने घिरे हुए इलाके के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। सेंटर फॉर नेवल एनालिसिस (CNA) के अनुसंधान निदेशक और पूर्व में लैरी लुईस ने कहा, दो महीनों में हमने गाजा के इस छोटे से क्षेत्र में हमलों का स्तर वैसा ही पाया जैसा हमने मोसुल और रक्का में देखा था। करीब आधे बम बिना लक्ष्य के चलाए गए CNN के मुताबिक, पिछले हफ्ते उसे अमेरिकी खुफिया सूत्रों से पता चला है कि अब तक गाजा पर गिराए गए 29,000 हवा से सतह पर मार करने वाले हथियारों में से 40-45% मूक बम यानी बिना निर्देशित हथियार थे। जो नागरिकों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं, खासकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ये तबाही मचाते हैं।