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Mohenjodaro : करोड़ों के खजाने से भरा है पाकिस्तान का ये 5 हजार साल पुराना शहर, जानें अभी

 
Mohenjodaro News : दोस्तों आज हम आपको पाकिस्तान के एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जो पांच हजार साल पुराना है और वहां पर एक ऐसा खजाना छिपा है जिसके बारे में जानकर हैरान हो जाएंगे। मोहनजोदड़ो स्तूप की एक दीवार से तांबे के सिक्के से भरे एक बर्तन की खोज की है और इस बर्तन में पांच किलो से ज्यादा वजन के सिक्के भरे हैं। पहले भी मोहनजोदड़ों में बहुत से सिक्के मिल चुके हैं। Dainik Haryana News,Mohenjodaro World Heritage Sites(New Delhi): 1931 में एक टीन से जब खुदाई करी है जिसमें 4349 तांबे के सिक्के निकले हैं। मोहनजोदड़ों विश्व धरोहर स्थलों में से एक माना जाता है जो पांच हजार साल पुराना शहर है। मोहनजोदड़ों की खोज 1922 में आरडी बनर्जी ने की थी जिसे 101 साल हो चुके हैं। READ ALSO :Meesho Scam: Meesho पर स्कैमर बिछा रहे जाल जरा हो जाएं सावधान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे बसा था। खुदाई में इस शहर के जो अवशेष निकले, उसने दुनिया को अचंभे में डाल दिया। इसकी वजह ये है कि मोहनजोदड़ों जिस योजना बद्ध तरीके से बसाया गया शहर था, वह आज के समय में नहीं है और पांच हजार साल पहले इस शहर में पक्के घर, स्रानघर और भी बहुत सी ऐसी चीजें मिली थी देखने के लायक भी हैं। उस समय इस शहर में 35 हजार लोग रहते थे और ये लोग गणित का ज्ञान भी रखते हैं। वहां पर ऐसे बहुत से स्तूप भी मिले हैं जहां से पता चलता है कि वहां के लोग खेल कूद में भी और गाने बजाने में भी दिलचस्पी रखते थे। यहां के लोगों को नकली के दांत भी लगाने आते थे और धातुओं से बने बर्तन इनके पास होते थे। मोहनजोदड़ों में जो भी अवशेष मिले हैं वहां से देखने के बाद पता चलता है कि यहां के लोग काफी पैसे वाले होते थे। सिंधु सभ्यता घाटी के नष्ट होने के कारणों के बारे में कई बातें कही जाती हैं। इसमें कई तथ्य रखे जाते हैं। कुछ विशेषज्ञ सिंधु के विनाश का कारण प्राकृतिक आपदा और जलवायु में बड़े बदलाव को मानते हैं। READ MORE :Kisan News : शामली में हजारों किसानों से होगी 1.32 करोड़ रूपये की वसूली, जानें क्यों सिंधु नदी में आई बाढ़ की वजह से इस सभ्यता के नष्ट होने की बात की जाती है कि कुछ वैज्ञानिक यहां से निकले नरकंकालों के आधार पर विनाश का कारण किसी बड़े विस्फोट को भी मानते हैं और महामारी की फैलने की वजह बता रहे हैं। मोहनजोदड़ों की सभ्यता पर कई रिसर्च किए जा चुके हैं और इस शहर पर फिल्म भी बन चुकी हैं। वहां के लोग खेती भी करते और इस शहर को यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर में भी शामिल किया गया है।