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No confidence motion:राहुल गांधी की जगह इस नेता ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू की

 
Breaking News: आज लोकसभा की शुरूआत होते ही 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हो चुकी है। ओम बिरला के आते ही लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया। 11 बजे लोकसभा की शुरूआत होते ही 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया था। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस 3 दिन तक चलने वाली है। Dainik Haryana News: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू(ब्यूरो) भाजपा सांसदों ने तंज कसते हुए कहा कि उनहोंने सुना था कि राहुल गांधी जी चर्चा की शुरूआत करने वाले हैं हम तो उनके भाषण का इंतजार कर रहे थे। आखिर समय में ऐसा क्या हो गया के गोरव गोगई चर्चा की शुरूआत कर रहे हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पर गोरव गोगई ने ये किए सवाल और ये मिले जवाब

गोरव गोगई: प्रधान मंत्री जी ने आपके दफ्तर में क्या कहा, हमें तो किसी बात की कोई जानकारी नहीं, क्या भेजा, क्या कहा। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे: ये चेयर और प्रधानमंत्री का घोर अपमान है। आपको बताना चाहिए। Read Also: Sapna Chaudhary : सपना चौधरी के नए डांस को देखकर दीवाने हुए लोग, पानी की तहर बहा दिया पैसा ओम बिरला: मेरा चेंबर भी सदन है। ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जिसका कोई तथ्य ना हो। BJP सांसद: हमने तो वह कहा जो जनता के बीच में है। इन्होंने कहा की राहुल गांधी बोलेंगे। आप अनाप सनाप आरोप ना लगाएं। गोरव गोगई: दफ्तर में जो बात होती है उसे बाहर उजागर करोंगे तो हम भी बात बाहर रखेंगे। ओम बिरला: सदन की गरिमा और परंपराओं के अनुसार ही बात करें। बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की जा रही है। चर्चा को घुमाए नहीं बल्कि गंभीरतापूर्वक करें। गोरव गोगई: सबसे पहले तो आपका धन्यवाद कि आपने पूछा की अविश्वास प्रस्ताव के हित में कौन-कौन है। ये बात कभी भी संख्या की थी ही नहीं ये तो मणिपुर को इंसाफ दिलाने की बात थी। अविश्वास प्रस्ताव हमारी मजबूरी है। Read Also: Haryana News: हरियाणा के इस जिले में बिना तारों के घरों में पहुंचेगी बिजली, जानें अपने शहर का नाम

मणिपुर में बच्चे बुढ़े जवान महिलाएं आज न्याय की मांग कर रहे हैं।

मार्टिन लूथर किंग: लूथर किंग ने कहा की चाहे नाइंसाफ़ी चाहे कहीं भी हो लेकिन वो इंसाफ के लिए खतरा बन जाती है। ये ना समझे की हिंसा उतर भारत मणिपुर में हो रही है, ये पुरे भारत में हो रही है। मणिपुर में आग लगी तो वो विभाजित हुआ। भारत में आग लगी तो वो विभाजित हुआ। इसलिए PM नरेंद्र मोदी सदन में आएं अपनी बात रखें सभी पार्टी समर्थन दें और एक संदेश दें कि मणिपुर की लड़ाई में हम सब एक हैं। लेकिन अफसोस की बात तो तब हो गई जब जब पिएम ना लोकसभा में कुछ बोले और ना राज्यसभा में कुछ बोले जिसका नतीजा अविश्वास प्रस्ताव है।

गोगई ने पुछे 3 सवाल

1. पीएम को मणिपुर हिंसा पर बोलने में 80 दिन का समय क्यों लगा यदि बोले भी तो बस 30 ही सेकंड। अगर शांति की शुरूआत प्रधानमंत्री की और से हो तभी अच्छा होता है। औरों के शब्दो में इतनी ताकत कहां। पीएम होने के नाते जो उनके शब्दो में ताकत है वो और किसी मंत्री के शब्दो में कहां। 2. मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नही बदला जब वो खुद कह रहे हैं, इंटेलीजेंस फैलियर है। जब गुजरात में बदला उतराखण्ड में बदला तो मणिपुर के मुख्यमंत्री को कौनसा आशीर्वाद प्राप्त है। 3. नरेन्द्र मोदी जी मणिपुर क्यों नहीं गए जबकि अमित शाह गए, राहुल गांधी गए। Read Also: Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 ने भेजी चंद्रमा की अजीबो गरीब तस्वीर 9 साल में मोदी सरकार के खिलाफ 2 बार अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है। साल 2019 से अब तक पीएम नरेंद्र मोदी जी 7 बार लोकसभा की बहस का हिस्सा रहे हैं। पहला अविश्वास प्रस्ताव 1963 में जवाहरलाल नेहरू देश के पीएम थे और जेबी कृपलानी पहला अविश्वास प्रस्ताव सदन में लेकर आए थे।