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Rice Price : भारत के चावल निर्यात का असर दिख रहा अमेरिका पर

 
India News: दोस्तों अब चावल निर्यात का असर अमेरिका तक भी पहुंच गया है क्योंकि भारत देश में तो बहुत सारे चावल की खेती होती थी लेकिन अब की भारी मात्रा में कमी दिखाई दी इसका असर अमेरिका तक भी हो गया है दुकानों में चावल की महत्वपूर्ण रूप से कमी हो गई है। आप दुकानों में जाकर देख सकते हैं जिस जगह पर चावल रखा जाता था वह जगह पूर्ण रूप से खाली दिखाई दे रही। इसका असर अब अमेरिका तक हो गया है अमेरिका में रहने वाले कृष्णा बी कुमार ने बताया कि ऐसे हालात उसने अमेरिका में कभी भी नहीं देखे क्योंकि उसे अमेरिका में रहते हुए बहुत समय हो गया है। Dainik Haryana News,Rice Price (ब्यूरो): वह बता रहे हैं कि अब दुकानों में चावल और आटे की पूर्ण रूप से कमी आ गई है और किसी भी दुकान पर मिल रहा है तो वहां ज्यादा से ज्यादा रेट वसूले जा रहे हैं।भारत सरकार ने इस पर जल्द से जल्द फैसला लिया है उन्होंने बताया है कि जो नान बासमती चावल की कैटेगरी है उसको तत्कालीन रूप से रोक दिया गया है।जो स्टॉक माल जहाज से उतर चुके हैं उनको बेचने की अनुमति होगी।भारत सरकार ने चावल की कमी को देखते हुए बताया गया है कि अब त्योहारों का सीजन होगा और चावल की बहुत ज्यादा जरूरत होगी इससे खुदरा मूल्य पर बेचने पर बहुत बड़ा प्रतिबंध लगाया गया है। READ ALSO :Eng vs Aus 5th Test: पहली पारी में इंग्लैंड की शुरुआत खराब भारत चावल निर्यात का बहुत बड़ा देश है जितना चावल भारत से निर्यात होता था वह अब आधा-आधा हो जाएगा। सरकार के इस फैसले के पीछे खाद्य बाजार में चावल की बढ़ती कीमतों को बताया गया है।सरकार को इतना बड़ा फैसला  सरकार के अनुसार चावल की बढ़ती कीमत को देखते हुए चावल की खुदरा मूल्य में 11 . 5% की वृद्धि देखी गई है लेकिन है पिछले साल 3दर ही बडी थी सरकार का मानना है कि इस बढ़ते चावल की किस्म के पीछे एक तेज इजाफा दुनियाभर के भू राजनीतिक परिदृश्य ,चावल निर्यातक देशों में अलनीनो और बदलते मौसम के कारण हुआ है। हालांकि सरकार ने बासमती चावल और अन्य चावलों पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंध नही लगाया है। (BBC)बीबीसी से बात करते हुए राइस ऑफ़ इंडिया एसोसिएशन के एजुकेटिव डायरेक्टर राजीव कुमार कहते हैं कि घरेलू रूप से देखे तो चावल के दाम ₹4 तक कम हुए हैं।चावल के दाम कम करने के लिए प्रयास कर रही है। वहीं थाईलैंड और वियतनाम ने अपने चावल के दाम 10 %तक बढ़ा दिए हैं इसका असर वैश्विक खाद्य पदार्थों पर पड़ेगा क्योंकि वियतनाम से हमारा टक्कर का मुकाबला है आईएमएफ(IMF) ने जाने क्या कहा- उन्होंने कहा कि भारत में बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध लगाने से विश्व की खाद्य मुद्रास्फीति पर बहुत प्रभाव पड़ा है। IMF के मुख्य पियर ओलिवियर गुहा ने कहा कि हम भारत सरकार से कहेंगे कि बासमती चावल पर कोई प्रतिबंध ना करें क्योंकि इसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है।ने यह भी बताया है कि इसका असर ठीक वैसे ही होगा जैसे काला सागर पर अनाज निर्यात पर रोक लगाने से दिखा था इसे दूसरे देशों में अनाज गेहूं के दाम में वृद्धि हुई। इसीलिए इस साल में अनाज के दामों में 10 से 15% तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है।प्रतिबंध से किसको हुआ फायदा- भारत और थाईलैंड के बाद वियतनाम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है।इस फैसले से बहुत दुखी है क्योंकि वह कहते हैं कि इससे किसानों की आय में कमी होगी। उत्पाद की मांग कब होगी किसानों को उचित दाम नहीं मिलेंगे। READ MORE :PM Narendra Modi airport Inauguration: पीएम नरेंद्र मोदी नें दी गुजरात को सबसे बड़ी सौगात बात तो जाहिर है कि निर्यातकों को फैसले से नुकसान होगा क्योंकि यही इनकी रोजी-रोटी है। भारत का चावल 165 देशों में जाता है, जो चावल किसान और व्यापारियों की मेहनत का नतीजा है अगर किसान मेहनत नहीं करेंगे तो चावल कहां से मिलेगा इसीलिए किसानों को भी तो फायदा मिलना चाहिए। ट्रेड के हिसाब से देखें तो भारत का 42 परसेंट भाग शेयर मार्केट से जुड़ा हुआ है अगर इसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो भारत कई चीजों को खो सकता है। भारत ही इस खेल में खिलाड़ी है अगर यही खेल से हट जाएगा तो ज़रा आप सोचिए कितना भारी नुकसान होगा यह दूसरे देशों के लिए एक चुनौती साबित होगी क्योंकि दूसरे देशों में दाम बढ़ जाएंगे। ऑल इंडिया राइस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेठिया ने भी बीपीसी से वार्तालाप करते हुए प्रतिबंध परत चिंता जताई है उनका मानना है कि इस प्रतिबंध से चावल की निर्यात की साख को धक्का मिलेगा।