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Uttarkanshi Rescue: एक बार फिर से सुरंग में फंसे मजदूरों की मुश्किलों में इजाफा, ड्रिल मशीन हुई खराब

 
Uttarkanshi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकांशी में फंसे मजदूरों की जान पिछले 14 दिनों से मुश्किल में फंसी हुई है(Uttarkanshi Rescue)। जो भी प्रयास मजदूरों को बाहर निकालने के लिए किया जा रहा है, उस काम में कुछ ना कुछ रूकावट जरूर आ रही है। Dainik Haryana News: Uttarakhand Tunnel Rescue(नई दिल्ली): एक बार फिर से ऑगर मशीन के खराब होने से समस्या बनी हुई है। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरे पहलूओं पर भी विचार किया जा रहा है। कल शुक्रवार रात को ऑगर मशीन जब ड्रिल कर रही थी तो अचानक से मशीन में खराबी आई और मशीन टूट गई। इसके बाद फिर से काम कल रात से ही रूका हुआ है। हाथों से आगे की ड्रिल का काम करने पर विचार किया जा रहा है। त्

प्लाज्मा मशीन से होने वाली है आगे का काम

ऑगर मशीन के टूटने के बाद बताया जा रहा है कि हैदराबाद से प्लाज्मा मशीन मंगवाई गई है जो हर घंटे 4 से 5 मीटर तक मलबा हटाने का काम कर सकती है। बचाव दल का कहना है कि जब से ऑगर मशीन से काम किया जा रहा था तब से कुछ ना कुछ दिक्कत का सामना करना ही पड़ रहा है। प्जाज्मा मशीन के आज शाम तक सुरंग पर पहुंचने की उम्मीद है। Read Also: Google Alert : अगले हफ्ते इतने Gmail अकाउंट को बंद करने जा रहा गूगल, चेक करें अपना अकाउंट

लंबवत सुरंग तक बनाया जा सकता है रास्ता

बताया जा रहा है कि पहाड़ी के ऊपरी सिरे से भी ड्रिल कर मजदूरों तक पहुंचने का काम किया जा सकता है। लेकिन इस काम में समय ज्यादा लगने वाला है और रिस्क बहुत ज्यादा है।

मजदूरों के परिवारों का होंसला देने लगा ज्वाब

आज मजदूरों को अंदर फंसे हुए 14 वां दिन निकल गया। मजदूरों तक खाने पीने की सामग्री पहुंचाने के लिए एक 6 इंच का पाईप 57 मीटर तक लेजाया जा चुका है। एक बार फिर से ऑगर मशीन के खराब होने से मजदूरों के परिवार का होंसलस चुर चुर हुआ है, लेकिन मजदूरों के परिवार और अंदर फंसे 41 मजदूरों को होंसले से काम लेना होगा। Read Also: Hamas-Israel war : इजरायल के 13 बंधकों को मिली रिहाई, 49 दिन बाद लौटे अपने घर इतना समय निकल चुका है तो थोड़ा और सही। देश की बेहतर टीमें उनको बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पुरा देश मजदूरों के लिए दुवाएं कर रहा है। जल्दी ही सभी 41 मजदूर बाहर होगें और अपने परिवार के पास सुरक्षित होगें। 10 से 12 मीटर का काम ही बाकी रहता है।