{"vars":{"id": "112803:4780"}}

Viral News : इस राज्य में किसानों की फसलों पर टिड्डियों का कहर, फैला रही आतंक

 
Breaking News : किसानों की फसलों पर टिड्डियों ने एक बार फिर से आतंक मचा दिया है। टिड्डी किसानों के लिए आफत बन चुकी हैं। पूरी की पूरी फसलें बर्बाद हो रही हैं। आइए खबर में जानते हैं किस राज्य में पहुंचा दल। Dainik Haryana News,Rajasthan News (नई दिल्ली): राजस्थान के बहुत से इलाकों में टिड्डियों का कहर जारी है वहां पर किसानों को अपनी फसलों का बर्बाद होने का डर है। लेकिन इस बार आपको बता दें, टिड्डियों पाकिस्तान से नहीं आई हैं इन्हें किसी स्थानीय जगह पर उत्पादन किया गया है। READ ALSO :Haryana Airport : हरियाणा के इस शहर को मिलने जा रही एक और एयरपोर्ट की सौगात! किसानों को जमीन के मिलेंगे इतने करोड़ रूपये टिड्डियों के दल ने किसानों की फसलों पर हमला करना शुरू कर दिया है और लोगों की चिंता बढ़ रही है। अभी तक 10 प्रभावित केंद्र और सर्वे टीम को रवाना किया गया है जैसलमेर में सबसे ज्यादा अटैक देखने को मिल रहा है इसलिए वहां पर 2 सर्वे टीम ज्यादा भेजी गई हैं। लगातार नियंत्रण विभाग अपना काम कर रहा है और इनसे किसानों की फसलों को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। 2020 में भी ऐसे ही राजस्थान में टिड्डियों ने तबाही मचाई है। रिपोर्ट का कहना है कि पिछले दिनों राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर( Jaisalmer and Barmer) में भारी बारिश की वजह से आद्र जलवायु बनी है और टिड्डियों का प्रजनन हुआ है। ये वो वातावरण है जहां पर टिड्डियों के प्रजनन का स्थानीय स्तर माना जाता है। पीली टिड्डियों को खत्म करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं जो मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में हैं। READ MORE :Seema Haider: सीमा हैदर ने प्रेमी सचिन के घर फहराया तिरंगा, हिन्दुस्तान जिंदाबाद के लगाए नारे नियंत्रण विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर कुमार का कहना है कि जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में सुथार वाली मंडी में 12 पीडी और आसपास अन्य जगहों पर स्थानीय प्रजनन वाली टिड्डियों देखी गई हैं। जिनको नष्ट करने के लिए 4 टीम को भेजा गया है। 120 हेक्टेयर में टिड्डियों का नियंत्रण किया गया है। जांच के मुताबिक पता चल रहा है कि कोई भी टिड्डियों का दल पाकिस्तान से नहीं आया है। तेज हवाओं के चलने के कारण टिड्डियों लगातार नहरी क्षेत्रों में निवास किए हुए हैं। इनकी जांच और नियंत्रण के लिए लगातार 10 केंद्रों में 10 टीमें काम कर रही है।