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World Heritage List : भारत के ये 4 रेलवे स्टेशन हैं वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल

 
Indian Railway : देश में हजारों रेलवे स्टेशन हैं और सभी की अपनी खासियत होती है। ऐसे में आज हम आपको चार ऐसे रेलवे स्टेशनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हैं। बने रहें अंत तक हमारे साथ। Dainik Haryana News,World Heritage List Out (चंडीगढ़): हर साल विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है जिसे देश में विरासत भी और विकास भी के संकल्प के साथ भारतीय रेलवे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थालों की लिस्ट में शामिल किया जाता है। भारतीय रेलवे दुनिया के चौथे नंबर का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो मूर्त और अमूर्त दोनों धरोहरों की एक व्यापक भव्यता को प्रस्तुत करता है। भारतीय रेल के 4 धरोहर विश्व स्थल को शामिल किया है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। सबसे पहले दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे और मुंबई रेलवे को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। तो चलिए आज हम आपको इनके बारे में बताने जा रहे हैं। READ ALSO :Viral News : पति ने लोन लेकर पत्नी को बनाया डॉक्टर, नर्स बनते ही प्रेमी के संग भागी

दार्जिलिंग रेलवे(Darjeeling Railway) :

इसे 1879 में बनाना शुरू किया गया था। उस समय एशले ईडन बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर थे। उन्होंने की नायाब रेलवे की शुरूआत करी थी। 15 जुलाई 1881 में कंपनी ने इसका नाम बदला और दार्जिलिंग हिमालयी रेलवे रख दिा। इसके बाद 20 अक्टूबर 1948 को दार्जिलिंग हिमालयी रेलवे कंपनी को भारत सरकार ने अधिग्रहित कर लिया था. बंगाल के सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच स्थित है जो 88 किलोमीटर लंबा है। इसकी ऊचाई 7407 फीट की है जिसे सबसे ऊंचा माना गया है। साल 1999 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत में शामिल किया.

नीलगिरी माउंटेन रेलवे(Nilgiri Mountain Railway):

नीलगिरी माउंटेन रेलवे को ह्यद टॉय ट्रेन ऑफ साउथ भी कहा जाता है । सिंगल लाइन गेज रेलवे लाइन है जो 46 किलोमीटर लंबा है। यह नीलगिरी की पहाड़ियों में स्थित है जिसे 1908 में बनाया गया था। यहां पर ट्रेन 208 मोड लेकर, 250 पुल और 16 सुरंगों से गुजरती है। इस रेलवे पर यात्रा 4.8 घंटों में पूरी होती है। मेट्टूपलयम शहर से 7.2 किलोमीटर की दूरी पर ये रेलवे स्टेशन पहाड़ों पर बना हुआ है जिसे लिस्ट में साल 2005 में शामिल किया गया था।

कालका-शिमला रेलवे(Kalka Shimla Railway):

इसे दिल्ली-अंबाला-कालका रेलवे कंपनी ने बनाया था जो 7234 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 1898 में इस बनाया गया था जो 96 किलोमीटर लंबा है।साल 1905 में भारतीय युद्ध विभाग द्वारा निर्धारित पैरामीटर को देखते हुए इस लाइन को 2 फीट 6 इंच कर दिया गया था। इसमें 864 पुल, 103 सुरंग हैं जहां से ट्रेन होकर गुजरती है।इसके ऊपर बने बस स्टॉप को भी अंग्रेजों के जमाने से 103 स्टेशन ही कहा जाता है. इस पूरी परियोजना को एच एस हेरलिंगटन ने शुरू किया था. भारत में इसका उद्घाटन वायसराय कर्जन ने किया था जिसे रेलवे ने 1.71 करोड़ रूपये में खरीदा था। साल 2008 मे यूनेस्को ने इसे लिस्ट में शामिल किया गया था। READ MORE :Success Tips : IAS इशिता किशोरी के महत्वपूर्ण टिप्स, जिनको फॉलो करके आप कर सकते हैं यूपीएससी में टॉप

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस(Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus):

इसके अलावा आइकोनिक ह्यछत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनसह्ण और ह्यभारत गौरव ट्रेनह्ण के माध्यम से भारतीय रेलवे देश की विरासत से पूरी दुनिया को परिचित कराने का प्रयास कर रही है। इस रेलवे स्टेशन को दरोहर के रूप में भी विशेष स्थान मिला है। ये रेलवे स्टेशन बेहद ही सुंदर है। इसे भी लिस्ट में शामिल कर लिया गया है।