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Funny Jokes: हंसने के लिए तैयार हो जाइऐ

 
Jokes: हंसना गाना ही बचत का है बाकी तो सब चलता ही रहता है। अगर वयक्ति खुश ही नहीं होगा तो फिर उसके पास चाहे कितनी भी धन दौलत क्यों ना हो सब रंग फिके है। इसलिए दोस्त जो लोग मुसकुराना सिख लेते हैं वो तो हर मुश्किल समय को भी बड़े ही आसानी से गुजार लेते हैं। Dainik Haryana News: Haryanvi Chutkule: आप भी हंसने के लिए तैयार हो जाइऐ। एक से बढ़कर एक चुटकुला, फनी जोक्स आपके लिए हाजिर है। 1- भाई आज तक एक बात समझ नहीं आई, जब लोगों का मुड़ खराब होता है तो आराम से सोते क्यों नहीं। साला WhatsApp पर स्टेटस लगाकर रोने से क्या मिलने वाला है। 2. कलयूग चल रहा है,आज के ज़माने में किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। मैं इतनी देर से टीवी में फिल्म देख रहा था सब कुछ एक दम सही से चल रहा था। लेकिन मैं बस 2 मिनट के लिए पानी पीने गया था। इतने में गुंडे हिरोइन को ही उठा ले गये, बताओ अब फिल्म देखने का क्या फायदा। Read Also: Haryana News : इन गांवों की जमीन को लाल डोरा मुक्त करेगी सरकार 3. Boss ने अपने कर्मचारी के सामने पानी से भरे गिलास में एक छोटा सा कंकड़ डाल दिया और सबसे पूछा की कंकड़ क्यों डूब गया सभी ने एक जैसा ही जवाब दिया सर कंकड़ भारी था इसलिए डूब गया फिर Boss ने अपने प्रिय चेले से पूछा तुम बताओ कंकड़ क्यों डूब गया चापलूस चेले ने बहुत ही कमाल का जवाब दिया सर जी मुझे तो एक बात समझ आई कि जिसको आपने छोड़ दिया समझो वो डूब गया।

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4. जानवरों के अस्पताल में एक बेड पर बीमार हाथी लेटा हुआ था उसी के साथ पास वाले बेड पर कुछ चींटियाँ भी बैठी हुई थी। तभी एक मरीज ने चीटियों से पूछा की तुम यहाँ क्यों बैठी हो सारी चीटियों ने एक साथ जवाब दिया। हमें लगा शायद इस हाथी को कही खून की जरुरत ना पड़ जाए, इसलिए हम सब इंतजार में बैठे हुए है। Read Also: OMG 2 Box Office Collection Day 14:ओएमजी 2 का रंग पड़ा फिका,कमाई में 13 वें दिखी गिरावट 5. संता- अरे क्या हुआ भाई इतना उदास क्यों है बता:- क्या बताऊ यार, कल मैने एक लड़की को 10 रूपये के नोट पर लिखकर नंबर दिया था, लड़की उनके गोलगप्पे खा गई। संता:- फिर इसमें उदासी की क्या बात है, नंबर तो ले गई ना। बंता:- भाई नंबर तो ले गई, लेकिन कल से गोलगप्पे वाले ने WhatsApp पर I love You के मैसेज कर-करके मेरी जान खा रखी है। 6- एक बंदा स्टेज पर बोल रहा था। सारी उम्र हम डरते ही रहे, डर-डर के मारे उम्र निकल गई। पहले माँ – बाप का डर, स्कूल गए तो फिर टीचर का डर, नौकरी लगे फिर बॉस का डर, तभी किसी ने बीच में टोक दिया की आपने तो घर वाली का जिक्र तो किया ही नहीं। तभी वो आदमी भी बोल पड़ा, भाई डर के मारे ही नहीं किया।