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Success Story : गांव के लड़के ने रचा इतिहास,एक साथ हासिल की 3 सरकारी नौकरी
 

BPSC Success Story :कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से जीवन में कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी ही एक लड़के की कहानी हम आपको बताने जा रहे है,जिसे कड़ी पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही थी। नौकरी न मिलने पर लोगों ने भी ताना मारना शुरू कर दिया था। लेकिन जब एक दिन एक साथ 3 सरकारी नौकरी के लेटर आए तो सब के होश उड़ गए।

 

Dainik Haryana News, Bihar Success Story(New Delhi ) : आज हम औरंगाबाद के एक लड़के की कहानी बताने जा रहे है,जिसने अपनी कड़ी मेहनत से नौकरी प्राप्त करके ही दम लिया। हम बात कर रहे औरंगाबाद के ओमप्रकाश की जिसने पढ़ाई तो बीएड तक की मगर लाख कोशिशों के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही थी।

नौकरी ने मिलने के कारण गांव के लोगों ने भी उसे ताने देना शुरू कर दिया था। बीएड की पढ़ाई का मजाक भी उड़ते थे। आईटीआई और इंजीनीरिंग करने की सलाह भी देते थे। अब उसके घर में तीन तीन सरकार चिट्ठियां आ गई है।

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औरंगाबाद का रहने वाला है ओम प्रकाश

ओमप्रकाश औरंगाबाद के शमशेर नगर का रहने वाला है। ओमप्रकाश के पिता सहजानंद शर्मा की नौकरी एयरफोर्स में थी। इस कारण से ओमप्रकाश ने अलग अलग शहरों से पढ़ाई की। बच्चे जब बड़े होने लगे तो फैमिली को दिल्ली में सेटल कर दिया ताकि पढ़ाई डिस्टर्ब ना हो। तीन भाइयों में सबसे छोटे ओमप्रकाश शर्मा ने स्कूली शिक्षा के बाद दिल्ली से ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 

ओमप्रकाश ने हरियाणा की एक निजी यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री ली। यहीं से एकेडेमिक में जाने का फैसला लिया। एक समय ऐसा भी आया जब लोगों ने बीएड को लेकर ओमप्रकाश को तरह-तरह से ताने भी सुनाए।

कई लोगों ने यहां तक कह डाला कि दिल्ली में रहकर बीएड कर रहे हो, बीएड करके तमाम बेरोजगार गांवों में घूम रहे हैं। आईटीआई या इंजीनियरिंग किए रहते तो प्राइवेट कंपनी में भी नौकरी लग जाती। हालांकि, इन तानों से ओमप्रकाश विचलित नहीं हुए और टीचिंग प्रोफेशन को ही करियर बनाने की ठान ली।

बीपीएससी टीचर के तीनों कैटेगरी में सेलेक्शन

यूजीसी की नेट परीक्षा भी दिए और उसमें सफल हो गए। इन दो परीक्षाओं में सफलता के बाद ओमप्रकाश का हौसला बढ़ गया। इसके बाद वो अपनी तैयारी में जुटे रहे। इसी दौरान उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय की टीजीटी और पीजीटी की लिखित परीक्षा भी पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में सफल नहीं हुए। इससे उसे थोड़ी निराशा हुई मगर मेरिट को कोई कहां रोक पाया है।

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती निकली तो ओमप्रकाश ने जमकर तैयारी की। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में उसका चयन हिन्दी विषय के लिए मिडिल स्कूल, हाईस्कूल और लेक्चरर तीनों पदों पर एक साथ हो गया।

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ओमप्रकाश का कहना हैं कि वो रोजाना नौ से दस घंटे तक पढाई करते थे क्योंकि उन्हें ये साबित करना था कि बीएड करके भी सरकारी नौकरी पाई जा सकती है। उनका कहना है कि परिवार ने उन पर भरोसा किया और उनका साथ दिया। जिसकी वजह से ही वो ये मुकाम हासिल कर सके।