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Aarohi Model School :अध्यापकों के अभाव में भी परीक्षा परिणामों में आरोही मॉडल स्कूल ने स्थापित किये नए कीर्तिमान

 
Aarohi Model School : इन विद्यालयों में आज तक कोई भी टीजीटी अध्यापक नहीं है इसके बावजूद इन विद्यालयों के पीजीटी अध्यापक कक्षा 6 से लेकर 12 कक्षा तक सभी विषय पढ़ाकर पूरे हरियाणा में निजी स्कूलों से भी बेहतर परिणाम दे रहे है।
Dainik Haryana News :#Haryana Latest Update (नई दिल्ली) :  हरियाणा की भाजपा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में नित नए प्रयोग एवं प्रयास करती रहती है। हरियाणा में 2012 में 36 आरोही मॉडल स्कूल की स्थापना की गई। इन आरोही स्कूलों ने शिक्षा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान रचे है, चाहे वार्षिक परीक्षा का परिणाम हो या नीट, जेई,सुपर 100 इत्यादि प्रतियोगिताएं। इन स्कूलों का परचम हमेशा ही बुलंद रहा है। यह परिणाम आरोही स्कूल उस अवस्था में दे रहे है जब यहां आरम्भ से ही शिक्षकों का अभाव रहा है। इन विद्यालयों में आज तक कोई भी टीजीटी(TGT) अध्यापक नहीं है इसके बावजूद इन विद्यालयों के पीजीटी अध्यापक कक्षा 6 से लेकर 12 कक्षा तक सभी विषय पढ़ाकर पूरे हरियाणा में निजी स्कूलों से भी बेहतर परिणाम दे रहे है। वर्ष 2022-2023 में आरोही मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय(Aarohi Model School ) झिरी जिला सिरसा की छात्रा परनीत कौर ने विज्ञान संकाय सहित तीनों संकायों मेंं प्रदेश भर के राजकीय विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया। READ ALSO : Central Government : केन्द्र सरकार के 9 वर्ष सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण हेतू समर्पित रहें वह भी उस अवस्था में जबकि वहां पर ना तो केमिस्ट्री और गणित का टीचर था और ना ही इंगिलश का टीचर था। इसके अतिरिक्त जिन जिलों में आरोही मॉडल विद्यालय स्थापित हैं उन जिलों में टॉप फाइव में किसी न किसी आरोही विद्यालय के विद्यार्थी का नाम अवश्य है। आरोही मॉडल स्कूल(Aarohi Model School ) स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि इन 12 सालों में 36 आरोही विद्यालयों के 10वीं और 12वीं का वार्षिक परिणाम सौ प्रतिशत रहा है। आरोही विद्यालय कहीं न कहीं संस्कृति मॉडल स्कूलों को भी पीछे छोड़ते हुए नजर आ रहे है। उन्होंने बताया कि चाहे वार्षिक परीक्षा परिणाम हो या कोई प्रतियोगिता परीक्षा आरोही विद्यालयों के विद्यार्थी हमेशा ही अव्वल आते रहे है. READ MORE : Indian Republic Party : भारतीय रिपब्लिक पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की नियुक्ति  वो भी अध्यापकों और अन्य संसाधनों के अभाव में। 12 वर्षों की सेवाओं के बाद भी अध्यापकों की सेवाओं को नियमित नहीं किया गया। जबकि पॉलिसी 5 साल के बाद नियमित करने की थी। अत: हरियाणा सरकार(Haryana Government) से करबद्ध निवेदन है कि इन विद्यालयों के अध्यापकों को इनके अधिकार देकर मुख्यधारा मेें शामिल किया जाए। ताकि इन योगय अध्यापकों के अनुभव तथा ज्ञान का लाभ हरियाणा के अन्य सरकारी विद्यालयों को भी मिल सके।