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IAS Success Story: मजदूर का बेटा बना आईएएस अफसर

 
Dainik Haryana News: IAS Succes Story: IAS बनना कोन नही चाहता, लेकिन इस लक्ष्य को कुछ ही लोग प्राप्त कर पाते हैं। आज हम आपको एसे IAS  अफसर की कहानी बताने जा रहे है। जिनका सबंध एक गरीब परीवार से था।     उन्के पिता दर्जी तथा माता मजदूरी करती थी। लेकिन IAS बनने का मोका गरीब, अमीर दोनों को मिलता है। ऐसी ही कहानी है आईएएस (IAS) विजय अमृता कुलंगे ( Vijay Amrita Kulange) की.     Read Also:Gold Price Today : मौका: सस्ता हुआ सोना-चांदी     जो वर्तमान में ओडिशा के गंजम जिले के कलेक्टर हैं. उन्होंने पहले प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा को पास कर लिया और आईएएस अफसर बन गऐ।   उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण के छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता एक दर्जी का काम करते थे, तथा उनकी माता खेतों में मजदूरी करती थी। विजय का कहना है कि उनके माता-पिता शूरू से ही उनकी शिक्षा पर पूरा ध्यान देते थे।   Read Also: Jaya Kishori vs Dhirendra Shastri: कौन है ज्यादा पढ़ा लिखा, बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री, यां जया किशोरी   शिक्षा के दोरान मेरे माता पिता ने मेरी हर जरूरत को पुरा किया, क•ाी किसी चीज की कमी नही रहने दी। विजय कुलंगे ने अहमदनगर आवासीय हाई स्कूल में साइंस स्ट्रीम में दाखिला लिया. 12वीं पास करने के बाद वह मेडिकल की डिग्री लेना चाहते थे.   वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण एमबीबीएस में एडमिशन नहीं ले सके। उन्होंने डिप्लोमा इन एजुकेशन डी.एड (D.Aad) की पढ़ाई के दौरान एक सरकारी स्कूल में प्राइमरी टीचर के रूप में काम करना शुरू किया.   Read More: Samsung Galaxy S23 भारत में लॉन्च, नहीं मिल रहा ये फीचर   पुणे विश्वविद्यालय से डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद, वे सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करने लगे, पहले 2 बार उनके हाथ असफता लगी लेकिन उन्होंने हार नही मानी और आखिर में महाराष्ट्र सिविल सेवा में सफलता प्राप्त की और अपने तीसरे अटेंप्ट में उन्हें सेल्स टेक्स इंस्पेक्टर के रूप में चुना गया. वह अपने चौथे अटेंप्ट में तहसीलदार बन गए.   जब वे तहसीलदार के रूप में काम कर रहे थे, तब एक कअर अधिकारी ने उन्हें वढरउ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी। इसके बाद कुलंगे ने यूपीएससी की परीक्षा दी और पास हुए. परीक्षा में 176वीं रैंक के बाद उन्हें 2013 में ओडिशा कैडर में नियुक्त किया गया. एसी थी विजया अमृता कुलंगे की कहानी.