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IAS Success Story :स्टेशन पर करता था कुली का काम, बेटी के सपने को पूरा करने के लिए बना IAS

 
UPSC  Success Story : माता-पति अपने बच्चों को सुख-सुविधाएं देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। और अपने सपनों का भी त्याग का देते हैं। लेकिन इस पिता ने अपनी बेटी के अच्छे जीवन के लिए जो रास्ता चुना है उस पर कम ही लोग चल पाते हैं। आइए जानते है उनकी सफलता के बारें में। Dainik Haryana News, Success Story (New Delhi):जीवन में सफल होने के लिए अपने रास्ते खुद ही चुनने पडते हैं। मिंजल तक पहुंचने के लिए सफर कितना ही मुसिकल क्यों न हो, मजबूत इच्छा के साथ उसे तय करते ही रहना चाहिए। एक कुली की यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए उम्मीदवार को प्रेरित कर सकता है। Read Also :Big Breaking : नशे में धूत ASI ने चलाई 28 गोलियां, पकड़ना पड़ा ऐसे केरल में एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर काम करने वाला कुली श्रीनाथ ने अपनी बेटी के जीवन को अच्छा बनाने के लिए अपना पूरा जीवन बदल दिया। इस दौरान में उनको बहुत मुसीबतों का भी  सामना करना पड़ा। पर वो ही मुसबित का सामना कर पढ़ी की औा आईएएस अधिकारी बनें।

बेटी के लिए बदली अपनी जिंदगी:

श्रीनाथ केरल के मुन्नार के रहने वाले हैं. वह एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे. इस काम के बदले में उन्हें इतने पैसे नहीं मिलते थे कि वह अपनी बेटी की बेहतर परवरिश कर पाते. उनके मन में यह मलाल रहता था कि उनकी कम आय की वजह से कहीं उनकी बेटी को भविष्य में समझौते न करने पड़ें. इसलिए उन्होंने कुली के काम के साथ ही सिविल सर्विस परीक्षा देने का फैसला किया. Read More:Hill Station : इस राज्य के 4 हिल स्टेशन भूला देंगें शिमला मनाली

बिना कोचिंग शुरू की तैयारी:

श्रीनाथ की आमदनी इतनी नहीं थी कि वह यूपीएससी कोचिंग जॉइन कर पाते. इसलिए उन्हें सेल्फ स्टडी के जरिए ही बेस्ट तैयारी करनी थी. उनके पास स्टडी मटीरियल खरीदने तक के रुपये नहीं थे. वह रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध फ्री वाईफाई सुविधा का इस्तेमाल करके पढ़ाई करने लगे. पहले उन्होंने केरल लोक सेवा आयोग में सरकारी नौकरी की तैयारी की. वह ईयरफोन लगाकर स्टेशन पर ही नोट्स बनाते थे.

सफलता से बढ़ा आत्मविश्वास:

केरल लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होने के बाद उनका हौसला बढ़ गया। फिर यूपीएससी परीक्षा का इरादा किया। वह तीन बार इस परीक्षा में असफल हुए। फिर भी उन्हें ख़ुद पर और अपनी मेहनत पर पूरा विश्वास रखा। और फिर चौथे प्रयास में उन्हे ये भी पास कर दी और आईएएस अधिकारी बन गया।