{"vars":{"id": "112803:4780"}}

Success Story: IAS ने 4 बार फैल होने पर भी नहीं मानी हार, 5 वीं बार लिखदी सफलता की कहानी

 
UPSC Success Story: देश में टलेंट की कोई कभी नहीं है। हर साल बहुत से युवा बड़ी नौकरी के लिए परिक्षा देते हैं, उनमे से एक है UPSC जिसकी परिक्षा हर साल होती है। लाखों युवा इस परिक्षा का हिस्सा रहते हैं, लेकिन सफलता बहुत कम को ही मिल पाती है। जिनको सफलता नहीं मिलती वो निराश होकर लौट जाते हैं, परंतु कुछ के होशले इतने बुलंद होते हैं कि वो ठान लेते हैं जब तक सफलता नहीं मिलती पिछे नहीं हटते चाहे कितनी ही बार असफल क्यों ना हो। ऐसे ही युवा के IAS बनने की कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं जिसने 4 बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और पांचवी बार में अपने सपने को पुरा किया। Dainik Haryana News: IPS Success Story(New Delhi):  हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले डा. राजेश मोहन। राजेश का सपना था IAS बनने का, लेकिन वो दुसरी राह पर निकल पड़ा। राजेश ने MBBS किया और 2012 में सरकारी अस्पताल में उनकी नौकरी लग गई, लेकिन अंदर ही अंदर एक सपना पल रहा था और वो था IAS बनने का। डाक्टर राजेश मोहन (IPS Rajesh Mohan)ने यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू करदी। इसके बाद वो पहले प्रयास में असफल रहे। अगले साल फिर से वो असफल रहे। एक बार फिर से राजेश मोहन ने प्रयास किया और निराशा हाथ लगी। राजेश चौथे प्रयास के लिए फिर पहुंच गए, लेकिन इस बार भी उनके हाथ बस निराशा ही लगी। Read Also: Health Tips : बच्चे के चिड़चिड़ेपन और जिद्द को छुड़वाने के लिए अपना लें ये टिप्स इस बीच कोरोना ने दस्तक दी। डा. राजेश मोहन ने फ्री में कोरोना के मरीजों का इलाज किया। अब वो सरकारी नौकरी छोड़ चुके थे और पुरी तरह से UPSC की तैयारी में जुट गए थे। राजेश की ये हार ना मानने की जिद और मेहनत आखिर कार रंग लाई। राजेश ने साल 2020 में यूपीएससी की परिक्षा को पास कर लिया और उनकी आल इंडिया रैंक 102 आई। इस बार उनको IPS के लिए चूना गया। अंत में उनका सपना पुरा हुआ। IPS राजेश मोहन UPSC की तैयरी करने वालों को सेल्फ स्टडी करने की ज्यादा सलाह देते हैं, कोचिंग लेना ठीक बात है परंतु खुद पढ़ाई करना बहुत जरूरी है। Read Also: Haryana Sarkar : अब प्रेग्नेंट महिलाओं को हरियाणा सरकार देगी इतने हजार रूपये, आज ही करें योजना में आवेदन डाक्टर IPS राजेश मोहन (IPS Rajesh Mohan)के परिवार में सभी सरकारी नौकरियों पर हैं, इसलिए उनका माहौल शुरू से ही पढ़ाई वाला रहा है।