{"vars":{"id": "112803:4780"}}

Success Story: नाबालिग की शादी कर दी गई, ससुराल में दहेज प्रताड़ना सही, लेकिन ना रूकी था झुकी रच दिया इतिहास

 
IAS Success Story: बहुत सी महिलाओं को दहेज उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। धन के लालची लोग इंसानियत भूल जाते हैं। लेकिन बहुत सी महिलाए ऐसी होती हैं जो ऐसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब देती हैं। सभी मुश्किलों का डटकर सामना करते हुए सफलता को पा लेती हैं। ऐसी महिलाओं के होंसले को सलाम है। Dainik Haryana News: #UPSC Success Story: समाज में आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं,परिवार हैं जो अपनों पर अत्याचार करते हैं। कोई दहेज को लेकर अत्यचार करता है तो कोई किसी की मजबूरी का फायदा उठाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसने जीवन में बहुत से दुखों का सामना किया। ससुराल के अत्याचार सहे। लेकिन हिम्मत नहीं हारी। यह कहानी है मध्यप्रदेश के मंडी गांव के आदिवासी परिवार में जन्म लेने वाली सविता(IAS Savita) की। सविता के परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी। सविता ने 10वीं तक की पढ़ाई अपने गांव से ही पुरी की। Read Also: UP ATS captured 74 Rohingya Muslims: मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के कहने पर यूपी में बड़ा आपरेशन! ऐसा करने वाली सविता गांव की पहली लड़की थी। उस समय लड़कियों को इतना पढ़ाया लिखाया नही जाता था। सविता को 11वीं और 12 वीं की पढ़ाई करने के लिए 5 से 7 KM दुर जाना पड़ता था। एक रूपया जाने का एक रूपया आने का किराया लगता था। कई बार सविता पर किराया नही होता था वो पैदल ही चली जाती थी। बाद में उनकी मां उसी गांव मे काम करने लगी और वो वहीं रहने लगे। जब सविता 17 साल की थी उसका रिश्ता एक ऊंचे परिवार में हो गया। ससुराल में जाते ही उसके साथ नौकरों जैसा व्यवहार होने लगा। उसके साथ मारपीट होने लगी। लेकिन किसी ने उसकी पुकार नही सुनी। ना खाना मिलता था ना पानी। Read Also: Haryana Govt. : हरियाणा सरकार 45-60 साल के व्यक्तियों को दे रही 3 लाख रूपये की सौगात, जानें कौन सी है योजना मिलती थी तो बस मार, सविता ससुराल वालों के डर से अंडरगारमेंटस मे छुपाकर रोटी ले जाती और बाथरूम मे जाकर खाती। लगातार ससुराल के अत्याचार सहने पर सविता बीमार रहने लगी। अस्पताल में जाने के बाद उसे पता चला की वो प्रेगनेंट हैं। सविता ने लड़के को जन्म दिया, लेकिन ससुराल वालों के अत्याचार नही रूके। इस बीच सविता को दुसरा लड़का हुआ। सविता के ससुराल वालों के अत्याचार इतने बढ़ चुके थे की अब उसने अपनी जान देने की सोची। Read Also: Employees Inter Department Cricket Tournament : एम्प्लाइज इंटर डिपार्टमेंट क्रिकेट टूर्नामेंट का हुआ समापन जब सविता अपनी जान देने के लिए फांसी लगा रही थी तो उसकी सास ने देखकर भी अनदेखा कर दिया। तभी सविता ने सोचा की वो इन सब के लिए अपनी जान क्यों दे। सविता ने अपने 2 बच्चों के साथ घर छोड़ दिया। सविता सिविल सर्विस की तैयारी करने लगी। अपना काम चलाने के लिए सविता एक ब्यूटी पार्लर में काम करने लगी। काम करते-करते सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी। सविता ने पहली बार में ही परीक्षा पास कर ली। सविता की पहली पोस्टिंग चीफ म्युनिसिपल अफसर के तौर पर हुई। सविता की नौकरी देख पति वापसी लौट आया, फिर से सविता के साथ मारपीट की और सारे पैसे ले गया। Read Also: Court Martiale : आर्मी के जवान को क्यों हुआ कोर्ट मार्शल, 10 साल और 10 महीने की सजा सविता ने इस बार हिम्मत करके अपने सीनियर अफसर को सब बता दिया। सीनियर अफसर ने कहा यदि इस बार तुम्हारा पति मार पिट करे तो तुम एक फोन कर देना। कुछ दिन बाद सविता का पति लौटा और वही करने लगा जो वो शुरू से करता आया है। सविता ने तुरंत फोन कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच उसे पकड़ कर उसका अच्छा इंतजाम किया।