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Asha Workers : आशा वर्कर्स हरियाणा विधान सभा का करेंगी घेराव

 
Asha Workers Strike : आशा वर्कर्स की जिला अध्यक्ष सुषमा जड़ौला व जिला सचिव कविता राणा ने सयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि राज्य में 20 हजार वर्कर्स की हड़ताल को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री 20 हजार आशाओं की बात नहीं सुन रहे। ये आशा वर्कर्स हरियाणा की 2 करोड़ की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। Dainik Haryana News,Asha Workers (नई दिल्ली): पिछले 5 साल में महंगाई दो गुणा से ज्यादा बढ़ गई। आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग का जो काम करती थी उसे 5 गुणा बढ़ा दिया गया है। लेकिन एक नए पैसे की बढ़ौतरी नहीं की गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री और देश के प्रधान मंत्री कोरोना के समय आशाओं के काम की तो तारीफ कर रहे थे। लेकिन बार बार आंदोलन के बावजूद आज तक उन्होंने आशाओं के मानदेय  बढ़ाने  की सुध नहीं ली।  पिछले 3 साल से एक बार भी हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यूनियन से बात नहीं की। READ ALSO :Today India Weather : आसमान से गिरा इतना जल, सड़कें तलाब में तब्दील स्वास्थ्य मंत्री द्वारा यूनियन के साथ जो वार्ता की गई है उन वार्ताओं में स्वास्थ्य मंत्री और  स्वास्थ्य विभाग उच्च के अधिकारियों ने आशाओं की मांगों को जायज मानना है। मांगों को जायज मानने के बाद भी मांगों व समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। यूनियन नेताओ ने चंडीगढ़  प्रेस वार्ता में कहा कि आशा वर्कर की 8 अगस्त से  हड़ताल चली हुई है। राज्य की 20 हजार आशा वर्कर्स हड़ताल पर हैं। स्वाथ्य विभाग का काम बुरे तरीके से प्रभावित हो रहा है। मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर पहले से हरियाणा में बहुत ज्यादा बढ़ी हुई है । लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं केंद्र सरकार की परियोजना है, केंद्र वेतन बढ़ाएगा। हम कहना चाहते हैं, हम हरियाणा की जनता की स्वास्थ्य सेवा में लगे हुए कर्मी हैं। इसलिए राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकती। प्रदेश की 20000 आशा वर्कर्स मांग कर रही हैं कि आशा वर्कर्स को कर्मचारी का दर्जा मिले, न्यूनतम वेतन 26000 करते हुए ईएसआई पीएफ की श्रेणी में शामिल किया जाए, आशा वर्कर्स के मानदेय और प्रोत्साहन राशियों को महंगाई के साथ जोड़ा जाए। तमाम आशाओं को परिवार समेत इलाज की गारंटी देते हुए सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाएं । आशा वर्कर्स की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए। आशा वर्कर्स की योग्यता के आधार पर पदोन्नति की जाए। जिन गांवों में हेल्थ सब सेंटर नहीं है उन गांव में आशा सेंटर बनाए जाएं । उन्होंने कहा कि जब तक सरकार मांगो का समाधान नहीं करेगी आंदोलन जारी रहेगा। READ MORE :Old Pension Scheme : पुरानी पेंशन योजना के लिए नियम एवं शर्तें हुई तय, जानें डिटेल उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा का मानसून सत्र शुरू हुआ है। इसलिए हड़ताली आशा वर्कर्स 28 अगस्त को विधान सभा का घेराव करने के लिए पंचकुला कूच करेंगी।  विधान सभा में बैठी विपक्षी पार्टियों के नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और श्रीमती चौधरी से भी यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मिला है। हड़ताल को 29 अगस्त तक बढ़ाया गया है। आशा वर्कर्स की हड़ताल को लगातार बढवाने की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। अगर सरकार चाहती है कि आशा वर्कर्स वापस अपने काम पर जाएं तो आशा वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधि मंडल से सरकार वार्ता करके मांगो व समस्याओं का समाधान करें।